बाराबंकी: भारतीय मुद्रा की स्कैन कॉपी बनाकर सप्लाई करने वाले गिरोह का पर्दाफाश!

बाराबंकी: जहाँ एक तरफ भारतीय मुद्रा को विगत कुछ वर्ष नोटबन्दी कर बदला गया था और 1000 तथा 500 को नोट में बड़ा बदलाव किया गया था जिससे जाली नोट पर लगाम लगाई जा सके लेकिन अपराध करने वाले कोई न कोई नई तरकीब निकाल ही लेते है लेकिन पुलिस की नजर से बच पाना ऐसे अपराधियो के लिए आसान नही होता।

ऐसा ही कुछ मामला सामने आया जनपद के सतरिख थाना क्षेत्रान्तर्गत जहाँ कूटरचित भारतीय करेंसी की सप्लाई करने वाले गिरोह का अनावरण करते हुए 04 अभियुक्तों को गिरफ्तार कर, उनके कब्जे से 2,11,000/- कूटरचित भारतीय करेंसी, लैपटॉप, प्रिन्टर/स्कैनर, कागज व मोबाइल फोन बरामद किया गया है।

दरअसल पुलिस अधीक्षक बाराबंकी यमुना प्रसाद द्वारा जनपद में अपराध पर अंकुश लगाने हेतु अपराधियों के विरूद्ध चलाए जा रहे अभियान के तहत अपर पुलिस अधीक्षक दक्षिणी मनोज कुमार पाण्डेय के निर्देशन, क्षेत्राधिकारी सदर रामसूरत सोनकर के पर्यवेक्षण में प्रभारी निरीक्षक सतरिख के नेतृत्व में थाना सतरिख पुलिस टीम द्वारा मैनुअल इंटेलिजेंस के आधार पर कूटरचित भारतीय करेंसी की सप्लाई करने वाले गिरोह के चार शातिर अभियुक्तगण सौरभ तिवारी पुत्र गिरजाशंकर निवासी म0नं0 569च/104क/10 प्रेमनगर थाना आलमबाग जनपद लखनऊ, शिवशंकर वर्मा पुत्र हीरालाल वर्मा निवासी ग्राम सूजागंज थाना रूदौली जनपद अयोध्या, मो0 अलीम पुत्र लाल मोहम्मद ग्राम सुलेमानपुर थाना पटरंगा जनपद अयोध्या,रितिक मिश्रा पुत्र हरिमोहन मिश्रा निवासी ग्राम सूजागंज थाना रूदौली जनपद अयोध्या को बीजेमऊ नहर पुलिया ग्राम गोकुलपुर थाना सतरिख से गिरफ्तार किया गया। अभियुक्तगण के पास से कूटरचित भारतीय करेंसी 2,11,000/- रूपये, एक अदद लैपटाप मय एक अदद चार्जर व एक अदद माऊस एवं एक अदद कीबोर्ड, एक अदद प्रिन्टर स्कैनर, 04 अदद मोबाइल, एक अदद बण्डल A4 साईज सादा कागज, कूटरचित भारतीय करेंसी की सप्लाई करने में प्रयुक्त दो अदद मोटर साइकिल सुपर स्प्लेण्डर बरामद किया गया।

यहाँ यह भी अवगत कराना है कि पकड़े गए समस्त अभियुक्त युवा वर्ग से है। अभियुक्तगणों से पूछताछ पर प्रकाश में आया कि शिवशंकर वर्मा उपरोक्त थाना पटरंगा जनपद अयोध्या क्षेत्रान्तर्गत दिवाली चौराहा पर जनसेवा केन्द्र चलाता है। अभियुक्तगण लैपटाप में लगे स्कैनर से असली भारतीय मुद्रा की 500/- व 2000/- रूपये की नोट को स्कैन कर लेते हैं उसके उपरान्त लैपटॉप में अपलोड साफ्टवेयर के माध्यम से असली भारतीय मुद्रा की तरह ही नकली नोट का प्रिन्ट करके 500/- व 2000/-रूपये के नकली नोटों को निकाल लेते थे जो देखने पर असली नोट की तरह ही दिखाई देता था। अभियुक्त सौरभ तिवारी व रितिक मिश्रा उपरोक्त 500/- व 2000/-रूपये के नकली नोटों को मार्केट में खपाने के लिए स्थान बदल-बदलकर लोगों से बात करते थे और असली मुद्रा के बदले तीन गुना कूटरचित मुद्रा देने के लिए कहा जाता था। सौदा तय के होने के उपरान्त अभियुक्त अलीम द्वारा कूटरचित भारतीय मुद्रा को ले जाकर सम्बन्धित को सप्लाई किया जाता था।

अभियुक्तगण सप्लाई किये जाने वाले व्यक्ति से दुबारा किसी प्रकार का कोई सम्बन्ध नहीं रखते थे। अभियुक्तगण द्वारा इस तरह जनपद अयोध्या, बाराबंकी, लखनऊ, अमेठी, सुल्तानपुर आदि जनपदों में कूटरचित भारतीय मुद्रा की सप्लाई की जाती थी।

पुलिस अधीक्षक द्वारा जानकारी देते हुए बताया गया कि अभी इस मामले से संबंधित अन्य अभियुक्तो की तलाश भी की जा रही है और इस गिरोह का पर्दाफाश करने वाली टीम को 20हजार रुपये से पुरुस्कृत भी किया गया है वही अभियुक्तणों के विरूद्ध थाना सतरिख पर मु0अ0स0 154/21 धारा 489बी/489सी/489डी भादवि पंजीकृत किया गया।

रिपोर्ट- नितेश मिश्रा

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