बाराबंकी। देश का अन्नदाता 20 दिनों से शीतलहरी में खुले आसमान के नीचे जिन्दगी और मौत के बीच अपनी व्यथा सरकार को सुनाने के लिये आन्दोलनरत है।लेकिन देश की अहंकारी मोदी सरकार को किसान की पीड़ा का एहसास नहीं है । 20 से ज्यादा किसान आन्दोलन में अपनी जान गवां बैठे है। देश के तथाकथित चौकीदार को चाहिये कि देश के अन्नदाता की खुशहाली के लिये अहंकार त्याग करके तत्काल तीनों काले किसान कानून वापस ले और किसान को उसकी पीड़ा से निजात दिलाये।
उक्त उद्गार अखिल भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के प्रवक्ता पूर्व राज्यसभा सदस्य डा0 पी0एल0 पुनिया ने आज विकास खण्ड हरख के गांव धौरहरा में विजय कुमार वर्मा द्वारा आयोजित चौपाल में व्यक्त किया जिसकी अध्यक्षता कांग्रेस अध्यक्ष मो0 मोहसिन तथा संचालन उपाध्यक्ष सरजू शर्मा ने किया।
राष्ट्रीय प्रवक्ता ने कहा कि किसान उपज व्यापार एवं वाणिज्य (संवर्धन एवं सुविधा) विधेयक, किसान मूल्य आश्वासन अनुबन्ध एवं कृृषि सेवायें आवश्यक वस्तु संशोधन विधेयक को लेकर आयी है।इन कानूनों के माध्यम से भाजपा सरकार किसानों को खेत मालिक की जगह मजदूर बनाना चाह रही है। इन काले कानूनों के सहारे मोदी ने बड़े कारपोरेटरों द्वारा किसानों की उपज को सरकारी मंडियो में मनमाने ढंग से खरीदने का अधिकार दे दिया है, ठेका खेती कारपोरेट खेती की छूट दे दी गयी है तथा आवश्यक वस्तु संशोधन विधेयक बनाकर अनाज, दलहन, खाद्य तेल, आलू प्याज आदि को आवश्यक वस्तु कानून से बाहर करके कारपोरेटों को असीमित भण्डारण का अधिकार देने से किसान की उपज का दाम तय करने में किसानों एवं मंडी समितियो की भूमिका समाप्त हो जायेगी, खाद्य सामग्री के मूल्य एवं हर व्यक्ति को इसकी आपूर्ति का सरकारी दायित्व समाप्त हो जायेगा। जिससे फसल के समय कारपोरेट दबाव बनाकर सस्ते में खरीदने और फिर मनमाने दाम पर बेचेंगे। ऐसा करके मोदी सरकार काला बाजारी की खुली छूट दे रही है। अभी तक जो आपको फसल का न्यूनतम समर्थन मूल्य मिल रहा है वह भी समाप्त हो जायेगा। क्योंकि इसकी कोई चर्चा इन कानूनों में नहीं है। ये नये कृृषि कानून किसानों की तबाही, देश की खाद्य सुरक्षा को खतरे में डालने, कृृषि क्षेत्र में कारपोरेटी लूट, देश में बेरोजगारी बढ़ाने के कानून है। देश के अन्नदाता के हित में सरकार को हठ छोडकर तत्काल इन काले कानूनों को वापस लेना चाहिये।
ग्राम धौरहरा मे आयोजित चौपाल को सम्बोधित करते हुये मध्य जोन के अनुसूचित जाति विभाग के कार्यवाहक अध्यक्ष तनुज पुनिया ने कहा कि मोदी योगी सरकार अहंकार में डूबी हुयी एक ऐसी सरकार है जिसे गांव, किसान, नौजवान से कोई सरोकार नही है। विकास, बेरोजगारी, बिगड़ती कानून व्यवस्था पर सरकार का ध्यान नही है सम्पूर्ण प्रदेश में कानून नाम की कोई चीज नही है। अन्नदाता अपनी फसल औने पौने दाम पर बेचने को मजबूर है, बहु – बेटियां सुरक्षित नहीं है। आवाम की पीड़ा कोई सुनने वाला नही है, सम्पूर्ण उत्तर प्रदेश में जनता की पीड़ा और सरकार की ज्यादती के खिलाफ कांग्रेस पार्टी मजबूती के साथ खड़े होकर अपना विरोध दर्ज करा रही है और जनता को यह अहसास कर रही है कि उत्तर प्रदेश की आवाम का भविष्य कांग्रेस के हाथो में ही सुरक्षित है।
कांग्रेस अध्यक्ष मो0 मोहसिन ने सफल बैठक आयोजित करने के लिये विजय कुमार को बधाई देते हुये कहा कि आज देश भर का किसान अपनी तबाही के फरमान को लेकर आन्दोलनरत है क्योंकि मोदी सरकार द्वारा लाये गये तीनों कानून किसान विरोधी कानून है।किसान भाजपा के ऐजेण्डे में किसान कभी रहा ही नहीं है।भाजपा के मंत्री कभी किसान को खालिस्तानी, कभी पाकिस्तानी, कभी किसान को किसान मानने को तैयार नहीं है और कहते है कि आंदोलनकारियों की वेशभूषा किसानों की नहीं है। यह सोच है भाजपा के प्रधानमंत्री तथा उनके मंत्रियो की क्या किसान पैन्ट, शर्ट, सदरी और जूते पहन नही सकता? जब एक चाय बेचने वाला देश का प्रधानमंत्री होकर लाखों रूपये का सूट पहन सकता है तो इस देश का अन्नदाता क्यो नही पहन सकता? इस देश का किसान अपनी बर्बादी की कहानी बनाने वाले भाजपा के अहंकारी नेतृृत्व को अपने वोट से जवाब देकर उन्हे अर्श से फर्श पर लाने का काम करेगा।
विकास खण्ड हरख के धौरहरा में आयोजित कांग्रेस पार्टी की चौपाल को मुख्यरूप से कांग्रेस उपाध्यक्ष सरजू शर्मा, उपाध्यक्ष सुरेश चन्द्र वर्मा, महासचिव के0सी0 श्रीवास्तव, सचिव अजित वर्मा ने सम्बोधित किया।बैठक में मुख्यरूप से शैलेन्द्र वर्मा, अनिल गोस्वामी, राम मिलन, अरविन्द वर्मा, अशोक वर्मा, हंसराज वर्मा, नागेन्द्र वर्मा, अमर सिंह वर्मा, नानक शरण वर्मा, शम्भू नाथ, कालीचरन, चन्द्रशेखर वर्मा, सुशील कुमार, संतोष कुमार, राम सागर रावत सहित सैकड़ों की संख्या में स्थानीय आवाम मौजूद थी। चौपाल के अन्त में विकास खण्ड हरख के कांग्रेस अध्यक्ष पुत्तू लाल वर्मा ने सभी का आभार व्यक्त किया।
रिपोर्ट–सरदार परमजीत सिंह