महान समाजसेवी तेजस्वी किसान नेता संवेदनशील मित्र ,मुकेश सिंह कैंसर की बीमारी से संघर्ष करते हुए परमात्मा के स्वर्ग लोक में पहुंचे ,प्रदेश के किसानों और आम जनता में शोक की लहर


पिछले कई दशकों से बाराबंकी ही नहीं उत्तर प्रदेश के कई जनपदों में किसानों के आंदोलन को नई धार देने वाले भाई मुकेश सिंह अब नहीं रहे।

कई महीनों से कैंसर की बीमारी से परेशान चल रहे मुकेश सिंह ने आज लखनऊ मेडिकल कॉलेज में नश्वर शरीर को त्याग कर परमात्मा के मार्ग का अनुसरण किया।

चाहे किसानों के समर्थन मूल्य पर गेहूं धान खरीद का मसला हो खाद यूरिया या कीटनाशकों के अनुपलब्धता का विषय हो, किसान के हर दर्द पर मुकेश सिंह ने जाड़ा गर्मी बरसात धूप परवाह ना करते हुए अन्नदाता के दर्द को मजबूती से सरकार के सामने रखने का काम किया।

तेजस्वी किसान नेता और प्रखर वक्ता होने के साथ-साथ मुकेश सिंह बेहद संवेदनशील मनुष्य भी थे।

पिछले दो दशकों से किसान आंदोलन के साथ साथ गरीब कन्याओं के विवाह और मरीजों के लिए रक्तदान का महान अभियान मुकेश सिंह के नेतृत्व में बाराबंकी जिले की शान बन चुका था।

हजारों परिवारों को जीवन की खुशियां ही नहीं दी बल्कि नया जीवन दिया।
लगभग 2 वर्षों से स्वास्थ्य संबंधी चुनौतियों का सामना कर रहे मुकेश सिंह का जाना संवेदनशील लोगों के लिए बहुत बड़ा आघात है ,और हमारे समाज के लिए एक बहुत बड़ी क्षति है।

गरीबों किसानों के कल्याण के नाम पर समाज सेवा के नाम पर झूठ स्वार्थ और ब्लैकमेलिंग का खेल खेलने वालों को मुकेश सिंह अक्सर कड़ी फटकार लगाते थे।

किसान आंदोलन के नाम पर बढ़ते भ्रष्टाचार और बड़ी संख्या में गलत नीतियों और नीयत के साथ पनप रहे कथित किसान संगठनों से मुकेश सिंह दुखी भी रहते थे।

हमारे बीच से भाई मुकेश सिंह जैसे महान आत्मा का जाना इतना बड़ा नुकसान है, जिसकी भरपाई असंभव है। आज समाज का हर वर्ग दुखी है, शोकाकुल है, उस प्रकाश आत्मा के लिए जिसने जीते जी लगातार लोगों के जीवन में प्रकाश लाने का काम किया और आज हमेशा के लिए परमात्मा में विलीन हो गए।

ओम शांति शांति

द इंडियन ओपिनियन की मीडिया टीम, अनुकरणीय व्यक्तित्व के स्वामी मुकेश सिंह के निधन पर शोक व्यक्त करती है।