*महासंग्राम अग्निपथ पर मोदी व प्रियंका की अग्नि परीक्षा भाजपा व कांग्रेस की सियासी शंका! मोदी बनाम प्रियंका में किसका बजेगा डंका* पढ़िए द इंडियन ओपिनियन के लिए “कृष्ण कुमार द्विवेदी” उर्फ राजू भैया का लेख*


*कृष्ण कुमार द्विवेदी(राजू भैया)* वरिष्ठ पत्रकार

*कृष्ण कुमार द्विवेदी(राजू भैया)*
???? संभावित लोकसभा चुनाव धीरे धीरे नजदीक आता जा रहा है। किसी भी समय चुनाव आयोग चुनावी महासंग्राम की घोषणा कर सकता है। ऐसे में लोकसभा महासंग्राम के अग्नि पथ पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एवं कांग्रेस की नवनियुक्त राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी की अग्नि परीक्षा सामने है! मोदी बनाम प्रियंका के महासंग्राम में आगे किस का डंका बजेगा यह अभी यक्ष प्रश्न है ?सशंकित भाजपा व कांग्रेस अंदरूनी आशंकाओं से घिरे भले ही हो लेकिन बाहर से सभी बयान वीर बने हुए हैं। जबकि संभावित सत्ता संघर्ष की चाबी तो फिलहाल जनता के हाथ में ही है।

लोकसभा चुनाव का नगाड़ा बजने वाला है। इस स्थिति को जानते और समझते हुए इस देश की सभी राजनीतिक दल खासे सक्रिय हैं। पूरे देश में राजनीतिक दल आपसी दुश्मनी भुलाकर आपस में गठबंधन कर रहे हैं तो कहीं आपसी दोस्ती भुलाकर आमने सामने दुश्मन बन रहे हैं। लेकिन इधर बीच कांग्रेस में घटे श्रीमती प्रियंका गांधी के सियासी आगमन घटनाक्रम पर पूरे देश में चर्चाओं का बाजार गर्म हैं। इस नई स्थिति पर भाजपा के नेताओं ने अलग अलग बयान दिए। ज्यादातर नेताओं ने इसे परिवारवाद अथवा वंशवाद की राजनीति से जोड़ा । खैर यदि आज के मुद्दे पर बात की जाए तो सियासी तापमान इस बात के संकेत दे रहा है कि आने वाले लोकसभा चुनाव में एक रोमांचकारी मुकाबला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एवं कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी के बीच होता नजर आएगा! ऐसा इसलिए है कि जहां भाजपा के स्टार प्रचारक श्री मोदी जी हैं तो वहीं दूसरी ओर कांग्रेस की स्टार प्रचारक प्रियंका होंगी! इस से कतई इंकार नहीं किया जा सकता। इन दोनों नेताओं के लिए आगामी लोकसभा का चुनाव एक ऐसा अग्निपथ होगा जिस पर चलते हुए इनकी अग्निपरीक्षा भी जनता के सामने होगी।

भगवा दरबार के जो उच्च सूत्र खबर दे रहे हैं उसके मुताबिक भाजपा प्रियंका आगमन को हल्के में नहीं ले रही है। भाजपा के रणनीतिकार इस नई स्थिति से निपटने के लिए चिंतन और मंथन में जुटे हुए हैं। कूटनीतिक तौर पर मोदी एवं अमित शाह की टीम के सभी नेताओं को यह निर्देशित किया गया है कि वह जनता के सामने प्रियंका आगमन को किसी भी प्रकार से गंभीर राजनीतिक घटनाक्रम ना दर्शाये। इसकी बानगी भाजपा नेताओं के अलग-अलग बयानों से जनता के सामने भी आई है। भाजपा के लिए यह बात जरूर राहत की है कि 80 लोकसभा सीटों वाले उत्तर प्रदेश में कांग्रेस की सांगठनिक स्थिति बहुत ही लचर है। जिसका फायदा वह उठा सकती है ।लेकिन चिंता की बात यह भी है कि उसके सामने सपा एवं बसपा का वह गठबंधन भी है। जो किसी मायने में कमतर नहीं आंका जा सकता ।अपने लखनऊ आगमन पर देश के गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने दावा किया कि भाजपा लोकसभा चुनाव में उम्दा प्रदर्शन करेगी और गठबंधन तथा कांग्रेस सफल नहीं होंगे। परंतु सियासी बयानों से इतर अभी कुछ कहना जल्दबाजी होगी ।भाजपा का यह प्रयास होगा कि वह नरेंद्र मोदी की जनसभाएं ज्यादा से ज्यादा उत्तर प्रदेश में करवाएं ।इसके लिए भाजपा के दिग्गज मंथन में जुटे हुए भी हैं ।ऐसे में संपूर्ण रूप से देखा जाए तो भाजपा को एक बार फिर नरेंद्र मोदी के व्यक्तित्व और उनके प्रचार- प्रसार तथा मोदी जादू का ही सहारा ज्यादा भरोसेमंद लग रहा है।

जहां तक बात करें कांग्रेस की तो एक बात जरूर है कि यहां पर प्रियंका आगमन को लेकर कांग्रेसी कार्यकर्ता खासे उत्साहित हैं। जिस कांग्रेस से उसके अपने लोग ही अब तक दूरी बनाए हुए थे वह दोबारा सक्रिय हो गए हैं। लोकसभा का चुनाव लड़ने का सपना पाले कई कांग्रेसी नेता अभी से अर्जी लगाए हुए हैं कि उनके यहां प्रियंका गांधी का कार्यक्रम बहुत जरूरी है। कांग्रेस के सूत्रों से जो खबरें छन कर आ रही हैं उससे पता चल रहा है कि प्रियंका के कार्यक्रमों के लिए पूरे देश से संगठन स्तर पर कांग्रेसी नेताओं द्वारा गुहारे कांग्रेस नेतृत्व को भेजी गई है। अभी तक प्रचार के मामले में राहुल गांधी ही ट्रंप कार्ड थे लेकिन अब प्रियंका के आ जाने से राहुल को इससे जरूर राहत मिलेगी ।कुछ कांग्रेसियों ने दबी जुबान से बताया कि राहुल जी से ज्यादा प्रियंका जी के कार्यक्रम मांगे गए हैं ।यहां यह बात भी है कि खासकर उत्तर प्रदेश में कांग्रेसी संगठन के कील काटे अभी दुरुस्त करने होंगे। गुटबाजी भी कांग्रेसियों की पहचान बनी हुई है! मंच के नेता ज्यादा है जबकि दरा बिछाने वाले कार्यकर्ताओं का अभाव हो गया है। परंपरागत मतदाता छटक कर दूर जा चुका है? जिसे वापस लाना भी चुनौती है !सामने सपा व बसपा से मुकाबला भी है, तो बकौल राहुल गांधी अब आगे बढ़कर चुनावी महासंग्राम के मैच को खेलना भी कांग्रेस का संकल्प है ।अब इस स्थिति में कांग्रेस प्रियंका गांधी का कितना फायदा उठा पाती है ।यह जानने के लिए समय का इंतजार करना पड़ेगा। फिलहाल अग्निपरीक्षा तो श्रीमती प्रियंका वाड्रा गांधी की भी है?

लोकसभा चुनाव में स्टार प्रचारकों की अग्निपरीक्षा के बीच जब चुनाव परिणाम आएंगे तो किस का डंका बजेगा इसे लेकर भाजपा व कांग्रेस भी अभी से सशंकित है! यह बात अलग है कि दोनों दलों के नेता अभी बड़े-बड़े बयान दे रहे हैं। सत्ता का संघर्ष देश के नेताओं में हिलोरे मार रहा है ।लेकिन सत्ता की चाबी 2019 में जनता किसे सौंपेंगी यह तो बताएगा आने वाला समय ?फिलहाल भाजपा एवं कांग्रेस के स्टार प्रचारक मोदी जी एवं प्रियंका जी के बीच पूरा देश एक दिलचस्प मुकाबला देखने को तैयार बैठा हुआ है! जबकि इन दोनों नेता के सामने अपने -अपने दलों को सफलता दिलाने के लिए सामने है— अग्निपथ –अग्निपथ– अग्निपथ?