यूपी के बलरामपुर में किसानों का करोड़ों रुपए डकार कर बैठी बजाज चीनी मिल की इटई मैदा यूनिट पर अब शासन के आदेश पर जिला प्रशासन का डंडा चलना शुरू हो गया है। आज जिला प्रशासन ने बजाज चीनी मिल पहुंचकर उनके अधिकार क्षेत्र में आने वाली 50 करोड़ रुपये की सम्पत्ति कुर्क करने की कार्रवाई की।
जिले के उतरौला क्षेत्र में स्थित बजाज चीनी मिल की शुरुआत जब हुई थी तो उतरौला व आस पास के किसानों में खुशी की लहर थी। किसानों को लगा था कि वह अब कम लागत के साथ अपने गन्ने को सीधे मिल को बेच सकेंगे और जल्द की भुगतान भी ले सकेंगे। लेकिन शुरुआती दिनों में खुद को बेहतर दिखाने वाली बजाज चीनी मिल की दिशा-दशा तथा व्यवस्था बिल्कुल ही बदल गयी।
छोटे किसान हो या बड़े किसान हर किसी के मेहनत की कमाई को महीनों रोक कर रखना, इन मिल मालिकों की आदत में सुमार हो चुका था। जिसके लिए समय समय पर किसान नेताओ की अगुवाई में किसानों द्वारा आंदोलन कर अपना बकाया पैसा दिखाने की मांग की जाती थी। लेकिन कार्रवाई सिफर ही रहती थी।
गन्ना किसानों की आवाज को अब योगी आदित्यनाथ की सरकार ने सुनकर जिला प्रशासन को किसी भी कीमत पर गन्ना किसानों को उनका बकाया भुगतान दिलाने का आदेश दिया था। जिस पर कार्रवाई करते हुए उतरौला के बजाज चीनी मिल इटईमैदा को 123 करोड़ रुपये की आरसी जारी कर, भुगतान करने हेतु अंतिम अवसर दिया था। लेकिन मिल द्वारा इसे हवाहवाई आदेश समझते हुए, कोई भुगतान नही किया।
भुगतान न होने पर आज जिलाधिकारी श्रुति के निर्देश पर एसडीएम उतरौला डॉ नागेंद्रनाथ यादव द्वारा बड़ी कार्यवाही करते हुए बजाज चीनी मिल की 50 करोड़ रुपए कीमत की संपत्ति कुर्क की गई। इस कुर्क की गई सम्पत्ति में 94 हजार कुंतल चीनी, 3 कंटेनर सिरा और चीनी मिल के पास उपलब्ध भूमि शामिल है। एसडीएम द्वारा चीनी मिल की बाउंड्री के बाहर स्थित जमीन को चिन्हित कर लाल झंडी लगवा कर कुर्क करने की कार्रवाई की गई।
पूरे मामले पर उतरौला एसडीएम डॉ नागेंद्र नाथ यादव ने बताया की जिलाधिकारी के आदेश पर आज इटई मैदा स्थित बजाज चीनी मिल की कुल 50 करोड़ रुपए की अनुमानित कीमत के संपत्ति को कुर्क किया गया है। इसमें 94 हज़ार कुंतल चीनी, 3 कंटेनर सीरा, साथ ही बाउंड्री के बाहर की जमीन में शामिल हैं। शेष बकाया धनराशि न देने पर अन्य संपत्तियों की भी इसी तरह कुर्की की कार्रवाई की जाएगी।