लखनऊ। वैश्विक महामारी कोरोना वायरस से भीषण संक्रमण के दौर में भी लखनऊ के नामचीन बिल्डर के बेटे की अय्याशी काफी दबाने के बाद भी चर्चा में आ ही गई है। जहां लोग ऑक्सीजन के एक सिलेंडर के लिए तरस रहे हैं, वहीं लखनऊ के इस व्यापारी पुत्र ने पूरे सात लाख रुपए खर्च करके थाइलैंड से दस दिन पहले कॉल गर्ल को लखनऊ बुलवाया। चार दिन पहले कोरोना वायरस से संक्रमण के कारण कॉल गर्ल की मौत के बाद से मामला खुला तो जिम्मेदारों के पैरों तले जमीन खिसक गई। अब लखनऊ का भी नाम इंटरनेशनल कॉल गर्ल रैकेट में आ गया है।
कोरोना संक्रमण से लखनऊ वासी परेशान हैं। लगातार लोगों की मौत हो रही है। हजारों मरीज अस्पताल में भर्ती हैं, इसके बीच राजधानी के एक बड़े बिल्डर के बेटे की करतूत शर्मसार करने वाली है। बिल्डर से नेता बनने के बाद सत्ता पक्ष का दामन थामने वाले एक सफेदपोश के बेटे ने सात लाख रुपये में थाईलैंड से एक युवती को लखनऊ बुलाया था। इतना ही नहीं इसके बाद बकायदा युवती को हजरतगंज में ठहराया था। इस बीच युवती कोरोना संक्रमित हुई तो उसने हाथ खड़े कर लिए। लखनऊ में 28 अप्रैल से लोहिया अस्पताल में भर्ती थाईलैंड निवासी मिस पियाथीडा विचापोर्नस्कुल का तीन मई को निधन हो गया। इस युवती को हजरतगंज में ठहराया गया था, लेकिन कैंट में बिल्डर के बंगले में महफिल सजती थी।
मीडिया खबरों के अनुसार छानबीन में सामने आया कि युवती दिल्ली से लखनऊ आई थी और तबीयत खराब होने पर राम मनोहर लोहिया अस्पताल में भर्ती हुई थी। इंस्पेक्टर विभूति खंड चंद्रशेखर सिंह के मुताबिक इस युवती की मौत की जानकारी उच्चाधिकारियों को दी गई। इसके बाद थाईलैंड एंबेसी को सूचित किया गया। कागजी कार्यवाही पूरी करने के बाद विभूतिखंड पुलिस ने थाईलैंड एंबेसी की अनुमति पर पांच मई को शव का अंतिम संस्कार कराया। एक परिचित के माध्यम से इस सफेदपोश के बेटे ने युवती को ऐश करने के लिए लखनऊ बुलवाया था। छानबीन में पता चला कि रकाबगंज निवासी सलमान युवती के अस्पताल में भर्ती होने पर उसकी देखरेख कर रहे थे। इंस्पेक्टर विभूतिखंड का कहना है कि युवती के गाइड सलमान के सामने थाईलैंड एम्बेसी से अनुमति लेकर दाह संस्कार करवाया गया। इंस्पेक्टर ने युवती को किसने और क्यों बुलाया था। इसके बारे में जानकारी से इन्कार किया है। लोहिया अस्पताल के रजिस्टर में युवती ने हजरतगंज का पता दर्ज कराया था। इस संबंध में जब इंस्पेक्टर हजरतगंज श्यामबाबू शुक्ला से पूछा गया तो उन्होंने किसी भी तरह की जानकारी से इंकार किया। नियम के तहत कोई भी विदेशी अगर किसी होटल में ठहरता है तो इसकी जानकारी होटल प्रशासन को संबंधित थाने में देनी होती है। इस मामले में ऐसा नहीं किया गया। खास बात यह कि युवती कहां ठहरी है इसका पूरा ब्यौरा भी अस्पताल के रजिस्टर में दर्ज नहीं कराया गया, जिससे कई सवाल खड़े हो गए हैं। यही नहीं अब तो लग रहा है कि नहीं पुलिस महकमा भी सफेदपोश के बेटे की करतूतों पर पर्दा डाल रहा है।
कोरोना से बिगड़े हालात लोगों के लिए लगातार परेशानी का सबब बने हुए हैं। आम आदमी सडकों पर दवाइयों और ऑक्सीजन सिलेंडरों के लिए जूझ रहा है। इसी बीच लखनऊ से हैरान कर देने बात है कि जब लोगों के आवागमन पर पहरा है और बेहद गंभीर स्थिति में ही लोगों को घरों से बाहर निकलने के आदेश हैं तो व्यापारियों के बेटे लखनऊ में मौज मस्ती कर रहे हैं। युवती पिछले कुछ वक्त से बिल्डर के बेटे के साथ रह रही थी। पुलिस ने व्यापारी का नाम सार्वजनिक नहीं किया और अभी तक थाई दूतावास ने कोई जवाब नहीं दिया है। लखनऊ पुलिस के अनुसार यह कॉल गर्ल राजस्थान के रहने वाले एक ट्रैवेल एजेंट के संपर्क में थी। उसी ने इसे लखनऊ भेजा था। पुलिस अब इस एजेंट को भी तलाश कर रही है। इसी एजेंट के सहारे वह भारत आई थी। कॉल गर्ल की मौत के बाद पुलिस अब राजधानी में पांव पसार रहे इंटरनेशनल कॉल गर्ल रैकेट के बारे में पता करने में जुट गई है। पुलिस का कहना है कि यह भी ट्रेस किया जा रहा है कि कॉल गर्ल के संपर्क में और कौन-कौन आया है।
मीडिया सूत्रों के अनुसार सलमान ने बताया कि 28 अप्रैल को युवती अस्पताल में भर्ती हुई थी। युवती ने रायपुर में रहने वाले परिचित राकेश शर्मा को फोन कर मदद मांगी थी। युवती ने राकेश से कहा था कि उसे कोविड के लक्षण हैं और लखनऊ में उसका कोई परिचित नहीं है जो उसकी देखभाल कर सके। राकेश ने इस पर सलमान को फोन कर युवती की मदद के लिए कहा था। सलमान का कहना है कि युवती को परेशानी में देखकर उन्होंने उसकी मदद की थी। युवती की तबीयत बिगडऩे पर सलमान ने थाईलैंड एम्बेसी को सूचित किया था। तब थाईलैंड एम्बेसी ने युवती को वापस ले जाने की बात की थी। उसका ऑक्सीजन लेवल कम होने की वजह से उसे थाईलैंड नहीं ले जाया जा सका था। इस बीच तीन मई को युवती ने दम तोड़ दिया। इसके बाद वीडियो कॉल पर युवती के घरवालों ने पूजा पाठ की थी, जिसके बाद शव का छह मई को अंतिम संस्कार किया गया था। थाइलैंड एम्बेसी ने लखनऊ प्रशासन से महिला का मृत्य प्रमाण पत्र भी मांगा है।
युवती के पास वीजा भी मौजूद है। छानबीन में पता चला कि युवती के पास वीजा है, जो 19 मार्च 2021 से नौ जून 2021 तक के लिए मान्य है। युवती मार्च में थाईलैंड से भारत आई थी।
लखनऊ से नितेश मिश्रा की रिपोर्ट!