देवव्रत शर्मा-
उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार सत्ता पक्ष के साथ-साथ विपक्ष के विधायकों को भी खुश करने में जुट गई है इसके लिए विधायक निधि में भारी वृद्धि करने की तैयारी हो रही है।
सरकार ने मार्च 2019 में भी विधायक निधि में वृद्धि की थी 2019 के पहले विधायकों को डेढ़ करोड़ रूपया सालाना विधायक निधि मिलती थी लेकिन योगी आदित्यनाथ की सरकार ने डेढ़ करोड रुपए सालाना विधायक निधि को बढ़ाकर कर दो करोड़ 40 लाख रुपए सालाना कर दिया था।
अब एक बार फिर योगी बाबा की कृपा दृष्टि विधायकों पर बरसने वाली है।
विधानसभा क्षेत्रों के विकास के नाम पर विधायकों को भारी भरकम विधायक निधि दी जाती है अक्सर विधायकों पर विधायक निधि के दुरुपयोग के भी अपुष्ट आरोप लगते हैं और कई बार विधायक निधि में कमीशन खोरी की भी चर्चाएं होती हैं हालांकि इनकी पुष्टि नहीं हो पाती।
लेकिन सरकार इसके बावजूद विधायक निधि को बढ़ाने पर आमादा है। सरकार का मानना है कि सभी विधायक पूरी ईमानदारी से विधायक निधि को क्षेत्र और जनता के विकास में खर्च करते हैं इसीलिए विधायक निधि को बढ़ाना जरूरी है। योगी आदित्यनाथ की सरकार मानती है कि विधायक निधि में वृद्धि होगी तो विधायकों के क्षेत्रों में ज्यादा विकास होगा।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने यह कहा है कि विधायक निधि में वृद्धि की जरूरत है और इसके लिए सभी विधायकों और विधान परिषद सदस्यों को 3 करोड रुपया सालाना निधि के रूप में दिया जाना चाहिए सरकार इसके लिए कार्रवाई भी शुरू कर रही है उसके साथ-साथ सरकार विधायकों के वेतन और भक्तों को भी बढ़ाने पर विचार कर रही है।
गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश की विधानसभा बड़ी संख्या में करोड़पति विधायक हैं शायद ही ऐसा कोई विधायक को जिसके पास कई लग्जरी गाड़ियां ना हो और जो उच्च स्तरीय जीवन शैली का आनंद ना दे रहा हो लेकिन बावजूद इसके सरकार को विधायकों की सुख सुविधाएं और उनके वित्तीय अधिकार बढ़ाने की फिक्र है।