राजनीति द पालिट्रिक्स: जहां आज अखिलेश-राकेश मंच पर थे वहाँ कभी मुलायम-बेनी की जोड़ी थी!

देश के दिग्गज समाजवादी नेता स्वर्गीय बेनी प्रसाद वर्मा की पहली पुण्यतिथि पर बाराबंकी पहुंचे अखिलेश यादव का कार्यक्रम कई मायनों में ऐतिहासिक रहा।

पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव उसी धरती पर बाराबंकी की जनता के बीच पहुंचे जहां 2007 के विधानसभा चुनाव के पहले उनके पिता तत्कालीन मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव तत्कालीन सांसद बेनी प्रसाद वर्मा की बुलावे पर उनकी मौजूदगी में आए थे।

वैसे तो इस कार्यक्रम का आयोजन बाराबंकी की समाजवादी पार्टी के जिला कमेटी के द्वारा किया गया था लेकिन खासतौर पर पूर्व कैबिनेट मंत्री और बेनी बाबू के बड़े बेटे राकेश वर्मा इस कार्यक्रम के आयोजन को लेकर बहुत गंभीर थे इसीलिए ना सिर्फ जनपद से बल्कि आसपास के जिलों से भी पूर्व केंद्रीय कैबिनेट मंत्री स्वर्गीय बेनी बाबू के चाहने वाले अयोध्या हाईवे पर स्थित मोहन लाल डिग्री कॉलेज में मौजूद थे।

राकेश वर्मा ने ऐसा प्रबंधन किया था कि बाराबंकी में कार्यक्रम स्थल पर पहुंचने के काफी पहले ही अखिलेश यादव को यह एहसास हो गया था किया यह बेनी बाबू की वह धरती है जहां उनके नाम से सभी वर्गों के लोग अपने स्वाभिमान को जोड़ते हैं । क्या अगड़ा क्या पिछड़ा बेनी प्रसाद वर्मा ने बाराबंकी में सबके लिए काम किया गांव-गांव में सड़कों का जाल बिछाया संचार सुविधाओं का विकास किया । बाराबंकी में ऐसे बहुत से परिवार हैं जिनके घर के नौजवानों को बिना रिश्वत के सरकारी नौकरी भी सिर्फ बेनी बाबू की वजह से मिली।

अपने महबूब नेता के ना रहने पर उनके पहली पुण्यतिथि पर आयोजित कार्यक्रम में बड़ी संख्या में उपस्थित होकर बाराबंकी के लोगों ने बेनी बाबू के प्रति अपने प्रेम और समर्पण को प्रदर्शित किया वहीं दूसरी तरफ अखिलेश यादव को भी यह संदेश दिया कि जब जब अखिलेश यादव स्वर्गीय बेनी प्रसाद वर्मा की विरासत के निकट जाएंगे उन्हें बाराबंकी का पूरा साथ मिलेगा ,समाजवादी पार्टी को बाराबंकी की जनता का सम्मान मिलेगा।

अपने हाईटेक समाजवादी रथ से पहुंचे अखिलेश यादव ने कार्यक्रम में पहुंचकर बेनी बाबू की स्मृति स्थल पर उन्हें श्रद्धांजलि दी और उनकी प्रतिमा का अनावरण किया। राकेश वर्मा के साथ गर्मजोशी दिखाते हुए परिवार के सभी सदस्यों से मुलाकात की और मंच से बोलते हुए उन्होंने यह भी कहा कि उनका और राकेश वर्मा का संबंध राजनीतिक नहीं पारिवारिक है, क्योंकि बाराबंकी जनपद में जब वह पहली बार आए थे तो राकेश वर्मा की शादी में आए थे।
उन्होंने यह भी भरोसा दिलाया कि जिस तरह से समाजवादी पार्टी में स्वर्गीय बेनी प्रसाद वर्मा का सम्मान था जिस तरह से उनके पिता मुलायम सिंह यादव बेनी बाबू को महत्व देते थे वही महत्व राकेश वर्मा को भी अखिलेश यादव से मिलेगा।

कार्यक्रम में बाराबंकी समाजवादी पार्टी के सभी नेता मौजूद रहे लंबे समय बाद समाजवादी पार्टी के कार्यक्रम में इतनी भीड़ देखी गई, जब जब अखिलेश यादव स्वर्गीय बेनी बाबू का नाम लेते भीड़ से उनका जयकारा लगाया जाता ।लोग अपने हाथों में बेनी बाबू की बड़ी-बड़ी तस्वीरें लेकर आए थे जनता की ओर से भी संदेश साफ था ,यह श्रद्धांजलि कार्यक्रम सिर्फ नेताओं का नहीं था यह जनता का भी था, बाराबंकी की जनता ने भी इस कार्यक्रम में अपने उस स्वर्गीय नेता को हृदय से श्रद्धांजलि दी जिसके नाम से कई दशकों तक बाराबंकी की चर्चा पूरे देश में होती थी।

कुल मिलाकर यह कार्यक्रम समाजवादी पार्टी के लिए काफी फायदेमंद होता दिखाई पड़ रहा है क्योंकि गुटबाजी और जातिवाद की वजह से कमजोर हुई समाजवादी पार्टी यदि सभी वर्गों को एकजुट करने में सफल रही तो उसके लिए सत्ता की राह 2022 में आसान होगी।।

द इंडियन ओपिनियन के लिए बाराबंकी से नितेश मिश्रा की रिपोर्ट

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