*लखनऊ : आईएएस की पत्नी की घर में ही गोली लगने से संदिग्ध मौत, पुलिस “ख़ामोश” The Indian Opinion*



उत्तर प्रदेश पुलिस कानून की धाराएं घटनाओं और परिस्थितियों के हिसाब से नहीं व्यक्ति की “हैसियत और ताकत”के हिसाब से लागू करती है। उत्तर प्रदेश सरकार में तैनात आईएएस अधिकारी उमेश प्रताप सिंह की पत्नी अनीता सिंह की संदिग्ध परिस्थितियों में उमेश सिंह के ही घर के अंदर गोली लगने से मौत हो गई।

अनीता सिंह की उम्र लगभग 42 साल थी उनके पति उमेश प्रताप सिंह राज्य नगरीय विकास अभिकरण के निदेशक हैं,प्रभावशाली आईएएस अफसर हैं इसलिए उनकी पत्नी को संदिग्ध परिस्थितियों में गोली लगने के बाद उनकी मौत हो जाती है और पुलिस प्रशासन इस मामले में वैसी कार्यवाही की हिम्मत नहीं जुटा पाता जैसी कार्रवाई वह सामान्य घटनाओं में या आम आदमी के घर में होने वाली घटनाओं पर करता है।

ऐसी घटना यदि किसी और के घर में होती तो शायद कुछ लोग हिरासत में ले लिए गए होते और घटना से जुड़े सभी पहलुओं और सभी व्यक्तियों से जरूर थाने में ले जाकर पूछताछ हो रही होती।

लेकिन एक औरत ने अपनी जान गवाई गोली लगने से उसकी मौत हुई ,वह औरत एक बड़े अधिकारी की पत्नी थी, किन परिस्थितियों में उसने जान गवाई इन सारे सवालों के जवाब आना बाकी है।

इन सवालों के जवाब ढूंढने वाली पुलिस कई दशकों से इस बात के लिए मशहूर है कि वह आरोपियों अथवा जो किसी आपराधिक घटना से किसी रूप में भी जुड़ते हैं संबंध रखते हैं, उनकी ताकत उनकी हैसियत को देखकर कदम आगे बढ़ाती है।

इस मामले में लखनऊ पुलिस की स्थिति कुछ ऐसी ही दिखाई पड़ रही है। फिलहाल इस मामले में पुलिस अधिकारियों का कहना है कि, आईएएस अफसर की पत्नी अनीता सिंह के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है और घटना की जांच की जा रही है तथ्यों के आधार पर निष्पक्ष कार्यवाही की जाएगी।

रिपोर्ट- देवव्रत शर्मा