प्रयागराज। जनपद में यूपी माध्यमिक सेवा चयन बोर्ड के कारनामों से उत्तर प्रदेश की सरकार की नीति और नियत दोनों पर सवाल खड़े हो रहे हैं एक तरफ सरकार के मुख्यमंत्री लगातार दावा करते हैं कि वह ज्यादा से ज्यादा रोजगार देने के लिए गंभीर हैं दूसरी तरफ सरकार के अधीन संचालित भर्ती आयोगों का बुरा हाल है।
माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड की स्थिति इतनी गंभीर है कि 10 साल पहले प्रधानाचार्य के पदों के लिए जो विज्ञापन निकाले गए थे उनकी नियुक्ति अभी तक लटकी हुई है सैकड़ों अभ्यर्थी परेशान हैं और भर्ती बोर्ड के चक्कर लगा लगा कर उनकी हालत खराब हो चुकी है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ डिप्टी सीएम दिनेश शर्मा से शिकायत कर चुके हैं इसके बावजूद कहीं कोई सुनवाई नहीं हो रही । परेशान होकर एक बार फिर अभ्यर्थियों ने आज के प्रयागराज में चयन बोर्ड कार्यालय के बाहर आज प्रधानाचार्य भर्ती संघर्ष मोर्चा ने जमकर प्रदर्शन किया है। प्रदर्शन कर रहे अभ्यर्थियों की मांग है की 2011 में प्रधानाचार्य के 954 पदों के लिए जारी की गई भर्ती की प्रक्रिया को पूरा करते हुए बचे हुए सभी रिजल्ट जारी किए जाएं।
प्रदर्शन कर रहे अभ्यर्थियों का कहना है की चयन बोर्ड ने अब तक 2011 के 6 मंडलों का रिजल्ट जारी नहीं किया है वही इलाहाबाद हाई कोर्ट की तरफ से स्टे हटने के बाद भी कानपुर मंडल का अंतिम रिजल्ट अभी भी घोषित होना बाकी है। प्रदर्शन कर रहे अभ्यर्थी 2013 में 599 प्रधानाचार्य भर्ती पदों के अभ्यर्थी हैं जिन्हें इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 4 नवंबर 2020 को आदेशित किया था कि सरकार 31 मई 2021 तक उनकी भर्ती प्रक्रिया पूरी कर ले लेकिन आज तक 2013के प्रधानाचार्य पद के साक्षात्कार तक नहीं कराये गए।
परेशान अभ्यर्थियों का कहना है कि माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड के अध्यक श्री वीरेश कुमार की लापरवाही के चलते न्यायालय के आदेश की अवमानना हो रही है सरकार की मंशा पर कुठाराघात हो रहा है और युवा अभ्यर्थियों का भविष्य खराब हो रहा है । इसके साथ ही माध्यमिक विद्यालयों में पर्याप्त प्रधानाचार्य और शिक्षकों की तैनाती ना होने की वजह से विद्यार्थियों का भी भविष्य खराब हो रहा है। अभ्यार्थियों ने 2011 के प्रधानाचार्य के 6 मंडलो का परिणाम भी जारी करने तथा 2013 के प्रधानाचार्य के साक्षात्कार की तिथि घोषित करने की मांग प्रांतीय संयोजक डॉ संतोष शुक्ल के नेतृत्व में की
प्रयागराज से आशीष की रिपोर्ट