रिपोर्ट – आदित्य कुमार
गरीबों और प्रवासी मजदूरों की अनदेखी का लगाया आरोप,
अन्य प्रदेशों में फंसे लोगों के लिए तैनात नोडल अफसरों की भी कार्यशैली पर अखिलेश ने खड़े किए सवाल।
पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने उत्तर प्रदेश सरकार की कार्य शैली पर सवाल खड़ा करते हुए कहा है कि जिस तरह सरकार कोटा से छात्रों को लाने के लिए सैकड़ों बस भेज रही है उसी तरह से देश की अलग-अलग हिस्सों में फंसे हुए उत्तर प्रदेश की प्रवासी मजदूरों को उनके घर तक पहुंचाने के लिए भी सरकार को इंतजाम करना चाहिए जो कि अन्य राज्यों में भुखमरी का शिकार हो रहे हैं अखिलेश यादव ने योगी सरकार से पूछा है कि अति निम्न आय वर्ग के गरीबों को वापस लाने की सरकार के पास क्या योजना है?
दर्शक ट्विटर पर जारी संदेश में पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के सुप्रीमो अखिलेश यादव ने उत्तर प्रदेश सरका की उस योजना का स्वागत किया है जिसके तहत वह राजस्थान के कोटा में फंसे उत्तर प्रदेश के विद्यार्थियों को वापस लाने के लिए सैकड़ों रोडवेज की बसें भेज रही हैं, लेकिन अखिलेश यादव ने प्रदेश सरकार पर यह सवाल भी खड़ा किया है कि अन्य राज्यों में भुखमरी का शिकार हो रहे अति निम्न आय वर्ग के गरीबों को लाने की सरकार के पास क्या योजना है, उन्होंने उत्तर प्रदेश सरकार के कई सीनियर आईएएस और आईपीएस अधिकारियों की भी आलोचना करते हुए सरकार से पूछा है कि दूसरे प्रदेशों में फंसे लोगों की मदद के लिए जो नोडल अधिकारी तैनात किए गए थे उनके मोबाइल नंबर जारी किए गए थे आखिर उन तथाकथित नोडल अधिकारियों के मोबाइल मुख मौन क्यों हैं।
ट्विटर पर अखिलेश यादव के संदेश को बहुत से लोगों ने रिट्वीट किया है।
सोशल मीडिया पर अखिलेश यादव के ट्वीट के बाद तमाम लोग यह कह रहे हैं कि जब सरकार हवाई जहाज भेजकर विदेश से लोगों को बुला सकती है धनी परिवारों के विद्यार्थियों के लिए बसें भेजी जा सकती हैं तो गरीब परिवारों के प्रवासी मजदूरों को उनके घरों तक पहुंचाने की व्यवस्था क्यों नहीं की जा रही।
कुल मिलाकर लोग यह चाहते हैं कि जिस तरह सरकार ने पिछले दिनों दिल्ली यूपी सीमा पर 1000 बसें भेज कर मजदूरों को लाने की व्यवस्था की, उसी तरह देश के अन्य हिस्सों में फंसे यूपी के मजदूरों को उनके घरों तक पहुंचाने की व्यवस्था की जाए।