चीन की चाल से अर्थव्यवस्था बचाने के लिए मोदी सरकार ने एफडीआई नीति में किया बदलाव!

रिपोर्ट – आराधना शुक्ला

इस समय भारत में भी कोरोना वायरस का प्रकोप झेल रहा है। जिसके कारण कारोबार ठप पड़ा हुआ है। इसी का फायदा विदेशी कंपनियां उठा रही है। इससे बचने के लिए सरकार के वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के उद्योग एवं आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग की तरफ से प्रत्यक्ष विदेशी निवेश नीति 2017 के पैरा 3.1.1 में संशोधन किया गया है। इस बदलाव के बाद भारतीय सीमा से लगे देशों को सरकार की अनुमति मिलने के बाद ही निवेश करने को मिलेगा।
इस बदलाव का सीधा असर चीनी निवेशको पर देखने को मिलेगा। उधर पाकिस्तान पर भी इसका असर देखनें को मिलेगा। अब पाकिस्तान का कोई नागरिक अथवा कंपनी केवल सरकारी मार्ग से ही भारत में निवेश कर सकेंगें। हालांकि कुछ क्षेत्रों में उसके लिए प्रतिबंध होंगे जैसे- रक्षा, अंतरिक्ष, परमाणु ऊर्जा।
गौरतलब है कि चीन ने पिछले हफ्ते ही एचडीएफसी बैंक में करोड़ों के शेयर खरीदे और अब उसकी हिस्सेदारी भी एक प्रतिशत बढ़ गई है। विभाग की तरफ से जारी प्रेस नोट में कहा गया है कि भारत की सीमा से लगे सभी देशों के लिए एफडीआई के नियम बदल दिए गए हैं। इस बदलाव का पहले सबसे ज्यादा असर चीन को फिर बांग्लादेश को और पाकिस्तान को होगा। प्रेस नोट के माध्यम से जानकारी दी गई है कि यदि कोई विदेशी कंपनियां भारत से निकलना भी चाहती हैं या भविष्य में उनका मालिकाना हक बदलता है तो भी सरकार की अनुमति लेनी पड़ेगी।


चीन पर निशाना

कोरोना वायरस के चलते भारत में लॉक डाउन की स्थिति चल रही है। ऐसे में कारोबार ठप पड़ा हुआ है। जिससे कंपनियों के मुनाफ़े भी कम हो गए हैं और शेयर मार्केट भी कमजोर चल रहा है। चीन नें इसका फायदा उठाते हुए बड़ी तेजी से भारत में निवेश करना शुरू किया है। यह बात किसी से छिपी नहीं है कि भारत एक बहुत बड़ा मार्केट है, जो हर देश को अपनी तरफ आकर्षित करता है।और वैसे भी भारत चीन के लिए बड़ा मार्केट उपलब्ध कराता है। चीन ने मौके का फायदा उठाते हुए पिछले हफ्ते ही एचडीएफसी बैंक के करोड़ों के शेयर खरीद लिए इसके साथ ही उसकी हिस्सेदारी 1% बढ़ गई है। इसके अलावा चीन के टेक इन्वेस्टर्स नें भारतीय स्टार्टअप्स में करीब 4 अरब डॉलर का निवेश किया है। भारत में 30 में से 18 स्टार्टअप्स को चीन से फण्ड मिलता है। और जिस तेजी से चीन निवेश बढ़ा रहा है, ऐसे में भारत सरकार ने एकदम सही समय पर फैसला लेते हुए चीन को सबक सिखा दिया है।

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