विपक्ष भले ही मोदी के नेतृत्व से असंतुष्ट, लेकिन संयुक्त राष्ट्र कर रहा भारतीय नेतृत्व की तारीफ़!

रिपोर्ट – आराधना शुक्ला

भारत ने जिस प्रकार से कोरोना के खिलाफ रणनीति बनाकर काम किया है और साथ ही अन्य देशों की जरूरतें भी पूरी की हैं, उसका संयुक्त राष्ट्र संघ ने स्वागत किया है।

उनका इशारा हाइड्रोक्जिक्लोरोक्वीन का अन्य देशों को आपूर्ति करने की तरफ था। गौरतलब है कि भारत ने मलेरिया की इस दवाई से बैन हटा कर इसे जरूरतमंद देशों को निर्यात करने का फैसला किया था। अब तक इस दवाई का निर्यात 55 से अधिक देशों को किया जा चुका है। अमेरिका द्वारा भारत से इस मलेरिया की दवाई की मांग की गई थी।

भारत ने अमेरिका के विशेष आग्रह पर दवा से बैन हटाकर निर्यात करने का फैसला किया था। इसके बाद राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप नें भारत का आभार जताया था। हाइड्रोक्जिक्लोरोक्वीन को अमेरिका के  खाद्य एवं दवा प्रशासन ने कोरोना की संभावित दवाई के रूप में पहचाना था। जिसके बाद से इस दवाई की मांग तेजी से बढ़ गई थी। अब तक इस दवा से  अमेरिका में डेढ़ हजार से अधिक मरीज ठीक हो चुके हैं।

यूएन के सेक्रेटरी जनरल ने विश्व के सभी देशों से आग्रह किया था कि संकट की इस घड़ी में जो भी सामर्थवान देश हैं, वे जरूरतमंद देशों की मदद के लिए आगे आए। इसी क्रम में भारत ने न सिर्फ दवाई, बल्कि जहां भी आवश्यकता पड़ी वहां मदद के लिए आगे आया। यूएन ने भारत की तरह उन तमाम देशों की भी तारीफ की जिन्होंने इस संकट की घड़ी में अपने साथ अन्य देशों की मदद की है।
इस समय भारत सरकार ने जिस प्रकार से कोरोना के खिलाफ सख्त रुख अख्तियार किया है उससे साफ जाहिर होता है कि आने वाले दिनों में इस महामारी से कम से कम लोगों की जानें जाएंगीं।

स्वास्थ्य मंत्रालय की तरफ से आज प्रेस वार्ता में साफ किया गया कि, क्षेत्रीय स्तर की कार्यवाही से काफी फायदा पहुंचा है। माहे के साथ कर्नाटक में कोडुगु में भी पिछले 28 दिनों में कोई नया मरीज सामने नहीं आया है। इसके अलावा 23 राज्यों के 45 अन्य जिलों में पिछले 14 दिनों में कोई नया मामला दर्ज नहीं किया गया है। भारत में इस समय कोरोना के 12282 मामले हैं। 2014 मरीज ठीक हो चुके हैं और 488 लोगों की मृत्यु हो चुकी है।
भारत में 30 जनवरी को  कोरोना का पहला मामला दर्ज किया गया था। लगभग 80 दिनों के भीतर भारत में मरने वालों की संख्या 500 के लगभग है, जो की कोरोना प्रभावित अन्य  देशों की तुलना में बहुत कम है।

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