*लोकसभा चुनाव के लिए ‘बुआ-बबुआ’ हुए एक, 38- 38 का फाॅमूर्ला हुआ तय*



लखनऊ। लोकसभा चुनाव से पहले राजनीतिक पार्टियों ने अपनी रणनीति तैयार करनी शुरू कर दी है। इसी के तहत यूपी में सपा और बसपा के गठबंधन के आधिकारिक ऐलान के लिए लखनऊ के ताज होटल में मंच सजाया गया है। शनिवार को बहुजन समाज पार्टी और समाजवादी पार्टी के मुखिया मायावती और अखिलेश यादव ने एक साथ साझा प्रेस कांफ्रेंस किया है। बसपा सुप्रीमो ने कहा कि यह प्रेस कांफ्रेंस पीएम मोदी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह की नींद उड़ाने वाली प्रेस कांफ्रेंस है। उन्होंने कहा कि इससे पहले 1993 में भी कांशीराम और मुलायम सिंह यादव के बीच गठबंधन किया गया है। दोनों के बीच बराबरी का फाॅमूर्ला हुआ तय हुआ है।

गौरतलब है कि मायावती ने कहा कि पिछला गठबंधन गेस्ट हाउस कांड की वजह से ज्यादा समय तक नहीं चला लेकिन देश की भलाई को ऊपर रखते हुए उन्होंने एक बार फिर से साथ आने का फैसला लिया है। बसपा प्रमुख ने पीएम मोदी और अमित शाह की तुलना गुरु-चेले से करते हुए कहा कि इन दोनों की नींद उड़ जाएगी। उन्होंने कहा कि भाजपा ने यूपी में बेईमानी से सरकार बनाई है। मायावती ने कहा कि उनका गठबंधन जनविरोधी पार्टी को सत्ता में आने से रोकेगा। नोटबंदी और जीएसटी को जनता की कमर तोड़ने वाली नीति बताते हुए कहा कि यह उनके लिए घातक साबित होगा।

यहां बता दें कि उन्होंने कांग्रेस को गठबंधन में शामिल नहीं करने पर कहा कि कांग्रेस ने ही ज्यादा समय तक देश में राज किया है। उनके समय में ही देश में भ्रष्टाचार और गरीबी बढ़ी है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने हमसे फायदा ले लिया लेकिन हमें कुछ भी नहीं दिया। मायावती ने कहा कि कांग्रेस और भाजपा दोनों ही एक ही सिक्के के दो पहलू हैं और दोनों की कार्यशैली एक जैसी ही है। उन्होंने कहा कि सपा-बसपा गठबंधन ने पहले भी भाजपा को हराया है और इस बार भी ऐसा ही देखने को मिलेगा। मायावती ने कहा कि कांग्रेस के समय घोषित इमरजेंसी थी और अब अघोषित इमरजेंसी लागू है। 

भाजपा पर निशाना साधते हुए मायावती ने कहा कि वह सरकारी मशीनरी का गलत उपयोग कर रही है और सालों पुराने मुद्दों को उखाड़कर सामने लाने का काम कर रही है। उन्होंने कहा कि राफेल के मुद्दे पर भाजपा को इस बार सरकार गंवानी पड़ेगी। बसपा प्रमुख ने कहा कि सपा-बसपा गठबंधन की भनक मिलते ही अखिलेश यादव पर सीबीआई जांच शुरू करवा दी गई।