रिपोर्ट – आराधना शुक्ला
न्यू डेवलपमेन्ट बैंक की सालाना बैठक: सीतारमण नें इमेरजेंसी फण्ड को बढ़ाने की सलाह दी।
कोरोना महामारी से जूझ रहे देशों को इस समय वित्तीय सहायता मुहैया कराना भी एक चुनौती है। इस बीच न्यू डेवलपमेंट बैंक की पांचवी सालाना बैठक में हिस्सा लेते हुए केंद्रीय वित्त एवं कॉर्पोरेट मंत्री निर्मला सीतारमण ने ब्रिक्स देशों की पाँच अरब डॉलर की वित्तीय सहायता की प्रशंसा की और साथ ही कहा कि इसे बढ़ाकर 10 अरब डॉलर कर देना चाहिए। मौजूदा हालात को देखते हुए उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी से निपटने के लिए कोष को बढ़ाना आवश्यक है।
उन्होंने कोविड-19 आपातकालीन कोष और जरूरतमंद देशों को जरूरी दवाओं की आपूर्ति के लिए किए गए भारत के प्रयासों का भी उल्लेख किया।
ब्राजील के वित्त मंत्री ने समय से मिली आवश्यक दवाओं के लिए भारत का धन्यवाद किया। सीतारमण ने कोरोना से निपटने के लिए भारत द्वारा उठाए गए विभिन्न कदमों का भी जिक्र किया। जिसमें उन्होंने बताया कि किस प्रकार भारत इस महामारी से पार पाने के लिए उपाय कर रहा है। भारत सरकार ने स्वास्थ्य विभाग को मजबूती देने के लिए दो अरब डॉलर का आवंटन किया है। इसके अलावा उन्होंने ये भी बताया कि गरीब एवं कमजोर वर्गों के लिए 25 अरब डॉलर तथा 22 लाख स्वास्थ्य कर्मियों के लिए प्रति व्यक्ति 50 लाख का बीमा कवर देना सरकार की जिम्मेदारी है। उन्होंने आरबीआई द्वारा मौद्रिक नीति को कंपनियों और बैंकों के लिए उदार बनाने का भी जिक्र किया।
क्या है न्यू डेवलपमेन्ट बैंक?
एनडीबी को ब्रिक्स के सदस्य देशों- ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका द्वारा वर्ष 2014 में स्थापित किया गया था। एनडीबी का उद्देश्य ब्रिक्स और अन्य उभरती अर्थव्यवस्थाओं तथा विकासशील देशों में बुनियादी ढांचे एवं सतत विकास परियोजनाओं के लिए व्यापक संसाधन जुटाना है। ताकि वैश्विक प्रगति व विकास के लिए बहुपक्षीय और क्षेत्रीय वित्तीय संस्थानों द्वारा वर्तमान में किए जा रहे प्रयासों में तेजी लाई जा सके। एनडीबी नें अब तक भारत की 14 परियोजनाओं को मंजूरी दी है जिनमें 4,183 मिलियन डॉलर की राशि शामिल है।