देवव्रत शर्मा –
लगातार तीसरी बार दिल्ली की सत्ता पर कब्जा करने वाले पूर्व आईआरएस अधिकारी अरविंद केजरीवाल के राजनीतिक प्रबंधन के आगे देश का सबसे बड़ा राजनीतिक दल यानी भारतीय जनता पार्टी का प्रबंधन कमजोर साबित हो गया।
भाजपा के खिलाफ एकजुट मुस्लिम मतदाता और केजरीवाल सरकार की बिजली पानी फ्री मेट्रो फ्री बस यात्रा की योजनाओं से “प्रभावित” हिंदू मतदाताओं ने पीएम मोदी के “राष्ट्रवाद” को आने वाले लोकसभा चुनाव तक स्थगित करते हुए फिलहाल “लाभवाद” की राजनीति का अनुसरण करना बेहतर समझा।
देश में पहली बार फ्री बिजली फ्री पानी फ्री मेट्रो फ्री बसों की यात्रा की सुविधा की बात करके अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली के मतदाताओं की पॉकेट को बड़ा सहारा दिया और बदले में मतदाताओं ने उनके सियासी भविष्य को भाजपा की चुनौती के सामने पूर्ण बहुमत का सहारा दिया।
दिल्ली प्रदेश की अर्थव्यवस्था भले ही फ्री की योजनाओं के चलते चौपट होने की कगार पर हो और जनता को कुछ फ्री सुविधाओं के बदले में भले ही रोजमर्रा की चीजों की बढ़ी हुई कीमतों का सामना करना पड़ेगा, लेकिन फिलहाल फ्री सेवाओं का दांव चल कर केजरीवाल ने दिल्ली का चुनाव एक बार फिर बड़ी होशियारी से अपने नाम कर लिया है।
मतदान के पहले हनुमान चालीसा पढ़ने वाले केजरीवाल ने चुनाव जीतने के बाद हनुमान जी को धन्यवाद देकर यह संदेश भी दे दिया है की बीजेपी के हिंदुत्व का सामना करने के लिए वह पूरी तरह तैयार हैं।
केजरीवाल ने यह दिखा दिया है कि काग्रेस सपा और बसपा की तरह उन्हें चुनावी मंच पर हिंदू देवी देवताओं की जय जयकार करने से परहेज नहीं है, बीजेपी का मुकाबला करने के लिए वह बीजेपी से आगे बढ़कर हिंदुत्व का घंटा बजाने के लिए तैयार हैं।
चाहे वो भगवत गीता पढ़ने की बात हो या फिर हनुमान चालीसा का पाठ कर गले में मफलर लपेटकर भोला भाला चेहरा जनता के सामने प्रस्तुत करने वाले केजरीवाल ने यह दिखा दिया है कि फिलहाल दिल्ली की सियासत में उनसे चालाक और सफल खिलाड़ी कोई नहीं है।