बाराबंकी के सदर विधायक सुरेश यादव कई मायनों में न सिर्फ एक खुशकिस्मत राजनेता हैं बल्कि जमीनी राजनीति के कुशल रणनीतिकार भी हैं। गांव देहात से लेकर जिला मुख्यालय तक की राजनीति में कहां चाणक्य नीति का बेहतर इस्तेमाल करना है यह बात सुरेश यादव को अच्छी तरह मालूम है इसीलिए जब विरोधी विचारधारा की सियासी आंधी में अपने दल समाजवादी पार्टी के तमाम तंबू कनात उखड़ गए तब भी सुरेश यादव बाराबंकी के नवाबगंज में विजय की शंखनाद करते रहे।
जब उत्तर प्रदेश में पहली बार बीजेपी के पास एक शक्तिशाली नेतृत्व है और पूरे प्रदेश में ब्लॉक प्रमुख चुनाव में भी भगवा लहर चल रही है बाराबंकी में भाजपा के सांसद जिला अध्यक्ष और विधायकों ने पूरी ताकत लगा रखी थी उस समय उस माहौल में भी सुरेश यादव ने जिला मुख्यालय के बंकी क्षेत्र पंचायत पर लगातार चौथी बार अपनी विजय पताका लहरा कर न सिर्फ समाजवादी पार्टी में अपने विरोधियों को करारा जवाब दिया है बल्कि सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी को भी शर्मिंदा कर दिया है।
इसे सुरेश यादव की सियासी ताकत माना जाए या फिर उनका बेहतर प्रबंधन , भाजपा की सरकार होते हुए भी जिलेभर के भाजपा नेता मिलकर सुरेश यादव की पत्नी आशा यादव के खिलाफ एक भी बीडीसी सदस्य को प्रत्याशी के रूप में खड़ा करने का साहस नहीं जुटा पाए।
सुरेश यादव की पत्नी आशा यादव ब्लॉक प्रमुख चुनाव में भाजपा की विजय लहर को थाम कर निर्विरोध निर्वाचित हो गई हैं। इसके पहले वह बसपा प्रत्याशी के रूप में 2005 में भी निर्विरोध ब्लॉक प्रमुख बनी थी जब सुरेश यादव बहुजन समाज पार्टी के नेता थे और प्रदेश में समाजवादी पार्टी की सरकार थी मुलायम सिंह यादव मुख्यमंत्री थे । इसके बाद बसपा सरकार में 2010 में भी आशा यादव बंकी क्षेत्र पंचायत की निर्विरोध प्रमुख बनी निर्विरोध और फिर अखिलेश यादव की सरकार में 2015 में भी सपा विधायक के रूप में सुरेश यादव का प्रत्यक्ष और परोक्ष रूप में बंकी ब्लॉक प्रमुख पद पर कब्जा बना रहा और उनकी प्रत्याशी मायादेवी धीमान निर्विरोध बंकी ब्लॉक प्रमुख बनी।
सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि जब यूपी में भाजपा की प्रचंड बहुमत की सरकार है और बाराबंकी में भी भाजपा मजबूत हालत में है इसके बावजूद 2021 में भी राजधानी लखनऊ के निकट योगी आदित्यनाथ की नाक के नीचे सपा प्रत्याशी के रूप में अपनी पत्नी का निर्विरोध निर्वाचन करवा लेना आसान काम नहीं था।
लगातार चौथी बार बाराबंकी जिला मुख्यालय की बंकी क्षेत्र पंचायत में निर्विरोध विजयश्री हासिल करने के बाद 2022 के लिए सुरेश यादव के कार्यकर्ताओं का मनोबल भी कई गुना बढ़ चुका है और तीसरी बार नवाबगंज से समाजवादी पार्टी के टिकट के लिए उनकी दावेदारी भी पार्टी के बड़े नेताओं की निगाह में प्रबल है।
रिपोर्ट – नितेश मिश्रा,