बीजेपी के वरिष्ठ नेता नरेन्द्र मोदी देश के प्रधानमंत्री तो हैं ही, वे गुजरात के लोगों के लिए गुजराती अस्मिता के सबसे बड़े ब्रांड हैं. गुजरात विधान सभा चुनाव में बीजेपी के ऐतिहासिक प्रदर्शन से इस बात को और बल मिलता है.
2022 को मिलाकर पिछले पांच विधानसभा चुनावों में नरेंद्र मोदी गुजरात में बीजेपी का चेहरा थे, जिनकी बदौलत वहां के सियासी दंगल में किसी और पार्टी को रत्तीभर भी मौका नहीं मिल रहा है. इनमें से तीन बार नरेंद्र मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री थे. पिछले दो विधानसभा चुनाव के दौरान नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री थे. हर बार गुजरात में वहीं बीजेपी का चेहरा थे. नरेंद्र मोदी के मुख्यमंत्री रहते बीजेपी गुजरात में तीन बार जीती थी और आखिरी दो विधानसभा चुनाव में मोदी के पीएम रहते बीजेपी ने राज्य में सत्ता वापसी की है.
गुजरात विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने ऐतिहासिक जीत दर्ज कर पुराने सभी रिकॉर्ड को ध्वस्त कर दिया। बीजेपी की इस जीत के आगे सारे पूर्वानुमान धरे के धरे रह गए। इतनी बड़ी जीत की उम्मीद खुद पार्टी के नेताओं को भी नहीं रही होगी। अहम बात ये है कि ठीक पांच साल पहले 2017 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी केवल 99 सीटों तक सिमट कर रह गई थी और बहुत मुश्किल से बहुमत का आंकड़ा जुटा पाई थी। गुजरात में सत्ता में आने के बाद यह पार्टी का सबसे कमजोर प्रदर्शन था। लेकिन ठीक पांच साल बाद पार्टी ने अभूतपूर्व बहुमत हासिल कर लिया। विधानसभा की 182 सीटों में से 156 सीटें जीत कर गुजरात की सियासत में नया रिकॉर्ड बना दिया। आइये जानते हैं वो फैक्टर्स जिसके चलते बीजेपी को गुजरात में इतनी बड़ी सफलता मिली।
चुनाव से एक साल पहले पूरी कैबिनेट को बदलने का फैसला
बीजेपी ने चुनाव से करीब साल भर पहले मुख्यमंत्री समेत पूरी कैबिनेट को बदल दिया। विजय रुपाणी की जगह भूपेंद्र पटेल को मुख्यमंत्री बना दिया। पटेल पहली बार 2017 में विधानसभा चुनाव जीतकर विधायक बने थे। बीजेपी का यह फैसला काफी चौंकानेवाला था। कैबिनेट में नए चेहरों को शामिल किया गया और कई पुराने और कद्दावर नेता कैबिनेट से बाहर कर दिए गए। पार्टी ने विधानसभा अध्यक्ष को भी बदल दिया। हालांकि इस फैसले से पार्टी के अंदर बगावत की संभावना भी लग रही थी लेकिन शीर्ष नेतृत्व के साहसिक फैसले को सभी ने माना और पार्टी 2022 की तैयारियों में जुट गई।