कलकत्ता हाईकोर्ट को नौ अतिरिक्त जज मिल गया है। कानून मंत्रालय ने यह जानकारी दी है। मंत्रालय में न्याय विभाग की ओर से इसे लेकर अधिसूचना जारी की गई, जिसके मुताबिक, 9 नए अतिरिक्त न्यायाधीशों को दो साल की अवधि के लिए नियुक्त किया गया है। अधिसूचना के अनुसार, वरिष्ठता क्रम के आधार पर इन सभी जजों की नियुक्ति की गई है।
आमतौर पर अतिरिक्त न्यायाधीशों को 2 साल के लिए नियुक्त किया जाता है और फिर उन्हें स्थायी न्यायाधीश के रूप में पदोन्नत किया जाता है। नई नियुक्तियों से पहले जजों की संख्या 45 थी जिनमें 35 स्थायी और 10 अतिरिक्त के तौर पर कार्यरत थे। कलकत्ता हाई कोर्ट में अब कुल जजों की संख्या 54 हो गई है। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कलकत्ता हाई कोर्ट में बहुत सारे मामले लंबित रहने का कुछ दिनों पहले जिक्र किया था।
उनका कहना था कि उच्च न्यायालय में अधिक महिला न्यायाधीश होनी चाहिए। उन्होंने उत्तर बंगाल के जलपाइगुड़ी में एक पीठ शुरू करने को लेकर उच्च न्यायालय को धन्यवाद दिया। कलकत्ता उच्च न्यायालय का गठन 1 जुलाई 1862 को हुआ। इसके क्षेत्राधिकार में पश्चिम बंगाल और अंडमान और निकोबार द्वीप समूह आते हैं।
केंद्रीय कानून और न्याय मंत्री ने 28 अगस्त को अधिसूचना जारी करके कहा था कि भारत के राष्ट्रपति ने कलकत्ता उच्च न्यायालय के लिए नौ अतिरिक्त न्यायाधीशों की नियुक्ति की है। कलकत्ता हाई कोर्ट के सीनियर वकील और सीपीआईएम राज्यसभा सदस्य बिकाश रंजन भट्टाचार्य ने इन नियुक्तियों पर प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि इससे लंबित मामलों को तेजी से निपटाने में भी मदद मिलेगी।
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि कलकत्ता हाई कोर्ट जगह की कमी से जूझ रहा था और अब स्ट्रैंड रोड पर नजदीक के नए सचिवालय भवन में आठ तल मिल जाने से इसका समाधान होगा।
ब्यूरो रिपोर्ट ‘द इंडियन ओपिनियन’