बढ़ती उम्र के साथ हड्डियों पर दें विशेष ध्यान, जीवन शैली में करें सुधार -डॉ रिचा मिश्रा

राष्ट्रीय हड्डी व जोड़ सप्ताह के समापन अवसर पर शुक्रवार को हिंद इंस्टीट्यूट आफ मेडिकल साइंसेज सफेदाबाद में जन जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन हुआ। इसमें विशेषज्ञों ने हड्डियों एवं जोड़ों को स्वस्थ रखते हुए लंबा जीवन- यापन करने के गुर सिखाए। साथ ही उपस्थित मरीजों व जनता के बीच संस्थान प्रमुख द्वारा केक काटकर कैल्शियम तथा विटामिन की गोलियों का निःशुल्क वितरण किया गया।

इस मौके पर संस्थान की चेयरपर्सन डॉ रिचा मिश्रा ने कहा कि , “हम सभी का यह प्रयास होना चाहिए कि हम ऐसी जीवन शैली और खानपान का अनुशासन विकसित करें कि दवाओं और इलाज की जरूरत ही ना पड़े।

सभी परिवारों में महिलाओं और बच्चों की सेहत पर विशेष ध्यान देना चाहिए परिवार में महिला स्वस्थ रहेगी तो पूरा परिवार स्वस्थ रहेगा। क्योंकि परिवार के भीतर महिला का ही सबसे बड़ा योगदान होता है वह बच्चों से लेकर जवानों बड़े-बूढ़ों का समुचित रखरखाव करती है”।

हिंद मेडिकल कॉलेज की चेयर पर्सन डॉक्टर रिचा मिश्रा सामाजिक गतिविधियों और स्वास्थ्य व चिकित्सा जागरूकता कार्यक्रमों में काफी प्रतिभा करती है और ऐसे कार्यक्रमों को आगे बढ़ाने में अपना योगदान देती हैं उनके नेतृत्व में बाराबंकी के सफेदाबाद में स्थित हिंद इंस्टिट्यूट ऑफ़ मेडिकल साइंसेस में प्रायः ऐसे आयोजन होते रहते हैं जिससे लोगों में स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता और बेहतर जीवन शैली को अपनाने की प्रेरणा विकसित हो।

कार्यक्रम में हिंद इंस्टीट्यूट आफ मेडिकल साइंसेज के वरिष्ठ अस्थि रोग विशेषज्ञ डॉ संजय श्रीवास्तव ने उपस्थित आमजन में हड्डियों को लंबे समय तक चुस्त-दुरुस्त रखने के बारे में बताते हुए कहा कि पौष्टिक खानपान जरूरी है। हड्डियों में जन्म से 25 वर्ष तक ही पोषक तत्वों का संचय होता है, जो 35 वर्ष की उम्र के बाद कम होना शुरू हो जाता है। खास तौर पर बालिकाओं के पोषण व कैल्शियम, प्रोटीन, विटामिन डी व विटामिन के टू देने पर विशेष जोर दिया।

कहा कि मजबूत हड्डियों के लिए हरी सब्जियां,कैल्शियम युक्त भोजन करें।भोजन टुकड़ों में यानी थोड़ा-थोड़ा कई बार में करना चाहिए। चोट लगने के जोखिम से बचने की कोशिश करनी चाहिए। हड्डियों को चुस्त-दुरुस्त रखने के लिए डॉ श्रीवास्तव ने बताया कि नियमित व्यायाम, योगा तथा डांस काफी लाभप्रद हैं। सूर्य नमस्कार काफी लाभप्रद है। परहेज के तौर पर उन्होंने शराब व धूम्रपान को पूरी तरह बंद करने की सलाह दी। सोडा निर्मित शीतल पेयों से भी परहेज बताया।

इस मौके पर प्राचार्य सुधीर कुमार, प्रोफेसर दीपक श्रीवास्तव विभागाध्यक्ष प्रोफेसर एस के गुप्ता, सीएमएस डॉ एसएनएस यादव मौजूद रहे।

बाराबंकी: 5 अगस्त
द इंडियन ओपिनियन

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