1-पांच हजार के करीब श्रद्धालुओं में कुछ दर्शन के लिए आ रहे थे और कुछ दर्शन कर वापसी पर थे। बम-बम भोले के जयघोष के बीच बादलों की तेज गर्जना हुई, लेकिन किसी को पता नहीं था
कि पवित्र गुफा से कुछ दूरी पर बादल फटने से टेंट सिटी में सैलाब आने वाला है।
2-गुफा के पास पिछले 12 वर्षों में तीन बार अमरनाथ यात्रा के दौरान बादल फटने की घटनाएं हो चुकी हैं, लेकिन कभी भी इतनी तबाही नहीं हुई। ऐसा पहली बार हुआ है कि बादल फटने से
इतने लोगों की जान चली गई और अब भी कई लापता हैं।
3-जानकारी के अनुसार, साल 2010 में भी गुफा के पास बादल फटा था, लेकिन तब भी कोई नुकसान नहीं हुआ था। वर्ष 2021 में 28 जुलाई को गुफा के पास बादल फटने से तीन लोग इसमें
फंस गए, जिन्हें बचा लिया गया था।
4-यात्रा में तैनात कुछ अफसरों ने बताया कि बादल फटने के बाद एकदम से पानी का बहाव आया। इसमें दो बड़े पहाड़ों का मलबा आ गया। मलबे में कई बड़े बड़े पत्थर थे,
जिनकी वजह से इनकी चपेट में कई यात्री आ गए। यह एक मुख्य कारण था कि इतने लोगों की जान चली गई।
5-अमरनाथ गुफा के पास फटे बादल से एक घंटे के भीतर इतनी बारिश हो गई, जितनी पांच घंटों में भी नहीं होती। यही नहीं गुफा के आसपास के कैंपों में भी बारिश नहीं हुई,
लेकिन गुफा के ऊपर भारी बारिश हुई। इस बीच बादल फट गया और तबाही मच गई।