Ayodhya फैसले के बाद शांति व्यवस्था के लिए PRAYAGRAAJ में कालंदी पूजन के अवसर पर जलाए गए 51000 दीप, The Indian Opinion

प्रयागराज में देवोत्थान एकादशी की पूर्व संध्या पर यमुनातट हजारों दीपों की माला से जगमग हो उठा। इस दौरान जूना अखाड़े के मौजगिरि घाट की सीढियां से लेकर घाट के किनारे तक दीपमालाओं की रोशनी कुछ इस तरह नजर आ रही थी मानो तारे जमीं पर उतर आए हों।

श्री दत्त्तात्रेय सेवा समिति की ओर से आयोजित कालिंदी महोत्सव और दीप दान कार्यक्रम की शुरुआत डीआईजी केपी सिंह, न्यायमूर्ति मंजू रानी चौहान, अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष नरेन्द्र गिरि और परिषद के महामंत्री हरि गिरि ने पूजन-अर्चन और यमुना आरती के साथ की ।

इस बीच अतिथियों और अखाडे़ के संत महात्माओं के साथ बड़ी संख्या में जुटे शहर के लोगो ने दीपदान किया और घाट पर लाखो दीप जला कर पूरे क्षेत्र को अलौकिक रोशनी से प्रकाशमय बना दिया । मान्यता है कि देवोत्थान एकादशी के दिन भगवान विष्णु जागृत हो जगत कल्याण का आशीष देते है । इसी दिन से पिछले कई महीनों से बंद मांगलिक कार्यो की शुरुआत भी होती है । यही कारण है कि साधु संत और गृहस्थ दीप जलाकर भगवान के जागृत होने की खुशियां मनाते है ।

इस बार के कालिंदी उत्सव और दीपदान कार्यक्रम की खास बात यह रही कि साधू सन्यासियों ने यमुना और भगवान विष्णु की पूजा के दौरान अयोध्या के फैसले के मद्देनजर पूरे प्रदेश मे अमन चैन और
भाईचारा बनाये रखने की प्रार्थना की ।

रिपोर्ट – काशिफ, प्रयागराज