बिहार में महागठबंधन की सरकार बनने के बाद मंत्रिमंडल का बंटवारा क्या हुआ, विवाद शुरू हो गया। स्थिति ये है कि रोजाना नये खुलासे से महागठबंधन की सरकार को को सियासी झटके लग रहे हैं। शपथ ले चुके मंत्रियों के बारे में हो रहे खुलासे से महागठबंधन की सरकार असहज है।
बीते दिनों राज्य के कानून मंत्री कार्तिकेय सिंह का विवाद अभी थमा भी नहीं था कि उनके एक और मिनिस्टर पर बड़ा खुलासा हुआ है। इस बार कृषि मंत्री सुधाकर सिंह विवादों में फंस गए है। नीतीश कैबिनेट के मंत्री सुधाकर सिंह पर दो राइस मिल के माध्यम से सरकार के 5 करोड़ 31 लाख एक हजार 286 रुपये के घोटाले के आरोप में प्राथमिकी दर्ज है। राज्य खाद्य निगम के डिस्ट्रिक्ट मैनेजर दिनेश प्रसाद सिंह ने सुधाकर सिंह के खिलाफ घोटाले का केस दर्ज करने के लिए दो आवेदन दिया था।
उस समय भी नीतीश कुमार राज्य के मुखिया थे। इतना ही नहीं मामले में राज्य सरकार ने 80 से अधिक FIR की थी और कई लोगों को आरोपी बनाया था। आरोपों के अनुसार, सुधाकर सिंह की राइस मिल ने प्रदेश सरकार से चावल को प्रोसेसिंग करने के लिए एक एग्रीमेंट किया था। जिसके बाद सरकार की ओर से जो चावल आया उसको सुधाकर सिंह ने वापस नहीं किया और गबन कर लिया।
राज्य खाद्य निगम के डीएम ने 27 नवंबर 2013 को सुधाकर सिंह पर रामगढ़ थाने में केस दर्ज किया था. इस मामले में राज्य खाद्य निगम के डिस्ट्रिक्ट मैनेजर दिनेश प्रसाद सिंह ने सुधाकर सिंह के खिलाफ घोटाले का केस दर्ज करने के लिए दो आवेदन दिया था. दोनों राइस मिल के संचालक वर्तमान कृषि मंत्री सुधाकर सिंह ही थे।
ब्यूरो रिपोर्ट ‘द इंडियन ओपिनियन