राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे श्रीलंका में अभूतपूर्व आर्थिक संकट के बीच अपने इस्तीफे की मांग को लेकर महीनों से जारी विरोध-प्रदर्शनों के नौ जुलाई को हिंसक रूप
अख्तियार करने के बाद गोटाबाया राजपक्षे 13 जुलाई को देश छोड़कर भाग गए थे। भारी सुरक्षा के बीच उन्हें एयरपोर्ट से बाहर निकाला गया।
73 साल के राजपक्षे करीब 7 हफ्ते बाद बैंकॉक से सिंगापुर होते हुए श्रीलंका लौटे हैं। कोलंबो पहुंचने पर कई मंत्रियों ने उनका स्वागत बंदरानाइक इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर स्वागत किया। वे कहां रहेंगे अभी इस बारे में स्थिति स्पष्ट नहीं है। वैसे पूर्व राष्ट्रपति के रूप में राजपक्षे एक सरकारी बंगले और अन्य सुविधाओं के हकदार हैं।
थाईलैंड के विदेश मंत्री डॉन प्रमुदविनई ने कहा है कि राजपक्षे 90 दिन तक देश में रह सकते हैं, क्योंकि वह अब भी एक राजनयिक पासपोर्ट धारक हैं। गोटाबाया राजपक्षे यहां विजेरामा मवाथा के समीप एक सरकारी बंगले में रहेंगे और इलाके की सुरक्षा के लिए एक बड़ी सुरक्षा टुकड़ी नियुक्त की जाएगी।
श्रीलंका में आर्थिक तंगी की वजह से वहां की अर्थव्यवस्था रसातल में पहुंच गई। पेट्रोल डीजल और खाने पीने की चीजों की कमी और बढ़ते दाम से जनता नाराज हो गई।
इस आर्थिक संकट के कारण जुलाई के पहले हफ्ते में जन आंदोलन शुरू हुआ। उस समय प्रदर्शनकारियों ने कोलंबो में राष्ट्रपति आवास सहित कई अन्य सरकारी इमारतों पर धावा बोल दिया था।
ब्यूरो रिपोर्ट ‘द इंडियन ओपिनियन’