भारतीय सीमा सड़क संगठन चीन की घेराबंदी करने के लिए सीमावर्ती इलाकों में तेजी से सड़क निर्माण करने में जुटा है। चीन की हर चालबाजी का भारत मजबूती से जवाब दे रहा है। एक तरफ जहां चीन पाकिस्तान से लेकर अफगानिस्तान तक और एलएसी के दुर्गम इलाकों में सड़क निर्माण करने में जुटा है तो भारत भी उससे पीछे नहीं है।
लुकुंग क्षेत्र 10 हजार फीट की ऊंचाई पर स्थित होने के चलते दुर्गम क्षेत्रों में आता है, लेकिन भारतीय सीमा सड़क संगठन ने सेना के मूवमेंट को अब बेहद आसान कर दिया है। यहां सर्दियों में तापमान शून्य से 30 डिग्री तक नीचे चला जाता है। अब माइनस 30 डिग्री तापमान में भी भारतीय सेना चीन की हर हरकतों पर नजर रख सकेगी।
गलवान घाटी में हुई झड़प के दौरान वैसे तो भारतीय सेना सड़क नहीं होने पर भी दुर्गम पहाड़ियों पर चढ़कर बैठ गई थी। यह देख चीनी सैनिकों का हौसला टूट गया।
इसके बाद भारतीय सीमा में घुस चुके चीनी सैनिकों को पीछे हटना पड़ गया।
लुकुंग से हॉट स्पूरिंग तक सड़क बन जाने से अब भारतीय सेना इन क्षेत्रों में अपनी चौकियां और रहने के ठिकाने भी बनाएगी। इससे सैनिकों की गस्त 20 किलोमीटर तक के दायरे में बढ़ जाएगी। ऐसे में लुकुंग क्षेत्र में चीनी सैनिक घुसपैठ नहीं कर पाएंगे। साथ ही साथ ग्रामीण भी इस सड़क का उपयोग आवागमन के लिहाज से कर पाएंगे।
इसमें तीन से पांच वर्ष का समय लग सकता है। मगर 75 किलोमीटर तक का निर्माण पूरा हो जाने के बाद भारतीय सीमा के इर्दगिर्द परिंदा भी पर नहीं मार पाएगा।
चीन को मुंहतोड़ जवाब देने के लिए भारतीय सैनिक चप्पे-चप्पे पर मौजूद रहेंगे।
ब्यूरो रिपोर्ट ‘द इंडियन ओपिनियन’