IAS कंचन वर्मा की पहल, गाजियाबाद विकास प्राधिकरण ने परिंदों के लिए बनाए “मल्टी स्टोरी घोंसले” THE INDIAN OPINION

प्रकृति की खूबसूरती को बढ़ाने की दिशा में कुछ लोग अच्छा काम कर रहे हैं। गाजियाबाद विकास प्राधिकरण ने छोटी चिड़ियों को आश्रय देने के लिए एक अभिनव शुरुआत की है। जिसके तहत 60 चिड़ियों के लिए बहुखंडीय बर्ड फ्लैट की स्थापना की गई है जो गाजियाबाद विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष के आवास में बनाया गया है।

इस पहल का उद्देश्य बहुमंज़िला इमारतों में रहने वाले लोगों को प्रकृति के करीब लाना है। इस बर्ड फ्लैट को लोहे के खम्बे के ऊपर बनाया गया है ताकि कुत्ते, बिल्ली व अन्य जानवरों का खतरा न रहे और वर्षा और धूप से सुरक्षित करने के लिए इसको छतरीनुमा ढांचे से आच्छादित किया गया है। बर्ड फ्लैट को बनाने की लागत 2 लाख रुपये आई है।

गाज़ियाबाद विकास प्राधिकरण की उपाध्यक्ष कंचन वर्मा के अनुसार इस बर्ड फ्लैट के निकट ही पानी की उपलब्धता है और इन चिड़ियों के दाने की व्यवस्था की ज़िम्मेदारी उनकी है। उन्होंने यह भी बताया कि यह एक पायलट प्रोजेक्ट है और निकट भविष्य में गाज़ियाबाद विकास प्राधिकरण की अन्य आवासीय योजनाओं में इस तरह के बर्ड फ्लैट बनाये जाएंगे।

उन्होंने निजी बिल्डरों से भी अपील की, कि वह अपनी आवासीय योजनाओं में कम से कम इस तरह का एक बर्ड फ्लैट अवश्य बनाएं।

IAS कंचन वर्मा इससे पहले भी पर्यावरण संरक्षण की दिशा में किये गए कार्यों के लिए अपनी पहचान बना चुकी हैं।

वर्तमान समय में शहरीकरण के कारण प्रकृति का लगातार दोहन हो रहा है । ऐसे में ऐसा कोई भी कदम जो आधुनिक रहन सहन और प्रकृति के बीच सामंजस्य की कड़ी बन सके न सिर्फ सराहनीय बल्कि अनुकरणीय भी है। ऐसे नए प्रयोगों का उत्साहवर्धन जरूर होना चाहिए इन्हें और बेहतर बनाया जा सकता है यदि इसमें पर्यावरण विशेषज्ञों का भी मार्गदर्शन लिया जाए जिससे पक्षियों को आसानी से कृत्रिम आश्रय की ओर आकर्षित किया जा सके। पक्षी अपने इस नए आश्रय को कितना पसन्द करते हैं ये उत्सुकता का विषय रहेगा।

शहरों से लुप्त होती गौरइया पहले ही चिंता का विषय है। इस तरह की पहल एक बार फिर उन्हें हमारे करीब लाएगी । शहरी विकास से जुड़े विभागों और निज़ी बिल्डरों को इस विषय में गंभीरता से सोचने की आवश्यकता है।

रिपॉर्ट – विकास चंद्र अग्रवाल