बिहार में JDU-BJP गठबंधन में दरार की खबरों के बीच गृह मंत्री अमित शाह ने मंगलवार की शाम CM नीतीश कुमार से फोन पर बात की। सूत्र बता रहे हैं कि दोनों के बीच टेलीफोन पर 6-7 मिनट बात हुई है। नीतीश कुमार कई वजहों से बीजेपी से नाराज हैं और एनडीए गठबंधन छोड़कर तेजस्वी यादव की आरजेडी के नेतृत्व वाले महागठबंधन के साथ नई सरकार बना सकते हैं। शुरू से ही यह माना जा रहा था कि बीजेपी नेतृत्व अगर मनाएगा तो नीतीश मान जाएंगे।
मंगलवार को पटना में हाई वोल्टेज राजनीतिक मीटिंग हैं। नीतीश कुमार ने जेडीयू के विधायक दल के साथ-साथ सांसदों की भी मीटिंग बुला रखी है। लालू यादव की आरजेडी के विधायक दल की मीटिंग सोमवार को होनी थी लेकिन वो मंगलवार सुबह के लिए टल गई है। पूर्व केंद्रीय मंत्री आरसीपी सिंह के जेडीयू से इस्तीफा देने के बाद बिहार में राजनीतिक हलचल तेज हो गई हैं। हाल ही में जदयू के कुछ नेताओं ने आरसीपी सिंह पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया था, जिसके बाद उन्होंने इस्तीफा दे दिया। उन्होंने इस्तीफे के बाद कहा कि नीतीश कुमार सात जन्म भी प्रधानमंत्री नहीं बन पाएंगे।
राजद के राष्ट्रीय प्रवक्ता शिवानंद तिवारी ने भास्कर से कहा कि नीतीश कुमार बातचीत की पहल करते हैं तो हम साथ देने को तैयार हैं। पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष जगदानंद सिंह ने कहा कि BJP का दो नंबर का बड़ा नेता पटना की सड़कों को अपवित्र कर के चला गया है। 2020 में नीतीश की पार्टी JDU की 28 सीटें घट गई थीं और वह 43 पर आ गई, जबकि BJP 21 सीटें बढ़कर 74 पर पहुंच गई थी। इसके बावजूद BJP ने नीतीश को मुख्यमंत्री बनाया था।
बिहार में आरजेडी और जेडीयू के मिलकर सरकार बनाने की चर्चा जोरों पर है। चर्चा है कि नीतीश कुमार भाजपा का साथ छोड़कर लालू यादव की राजद का हाथ एक बार फिर थाम सकते हैं। हालांकि, राजद के प्रदेश अध्यक्ष ने साफ इनकार कर दिया है कि आरजेडी और जेडीयू का गठबंधन नहीं होगा।
ब्यूरो रिपोर्ट ‘द इंडियन ओपिनियन’