ख़ैबर पख़्तूनख्वा के बुनेर ज़िले की सिख महिलाएं कथित तौर पर अपहरण, जबरन धर्म परिवर्तन और ज़बरदस्ती मुस्लिम पुरुषों से शादी करवाए जाने का विरोध कर रही है। रविवार को उनके प्रदर्शन का दूसरा दिन था।
बीते दिनों ही एक सिख महिला ग़ायब हो गईं। जिसके बाद उनके परिवार ने उन्हें हर संभव जगह खोजने की कोशिश की लेकिन अभी तक कुछ भी नतीजा नहीं आया।
सनत सिंह ने बताया कि जब परिवार वालों ने पुलिस स्टेशन के आगे प्रदर्शन शुरू कर दिया और एफ़आईआर दर्ज करने को लेकर अड़ गए, तब कहीं जाकर पुलिस ने इस मामले में एफ़आईआर दर्ज की।
25 साल की यह सिख महिला एक सरकारी अध्यापिका थीं। वह शनिवार को स्कूल गईं लेकिन लौटकर नहीं आईं। रविवार को, सिख समुदाय ने एक बार फिर पुलिस से संपर्क किया तो उन्हें बताया गया कि सिख महिला मिल गई हैं और उन्होंने अपने पड़ोसी से शादी कर ली है। पुलिस ने ही जानकारी दी कि उन्होंने कोर्ट में शादी कर ली है और लड़का सिख नहीं, मुस्लिम है।
सिख समुदाय के एक अन्य नेता रादास सिंह टोनी ने दावा किया है कि उस महिला का अपहरण किया गया और ज़बरदस्ती उनका धर्म परिवर्तन करवाया गया। इसके बाद शादी भी जबरन ही करवाई गई। 2020 में ननकाना में ऐसी ही एक घटना पर सिख समुदायों का विरोध भड़क उठा था। उस समय आरोप लगाया गया था कि ग्रंथी की बेटी का अपहरण कर धर्म परिवर्तन करा दिया गया है।
ब्यूरो रिपोर्ट ‘द इंडियन ओपिनियन’