महाराष्ट्र में भारतीय नौसेना के लिए देश का पहला पैसेंजर ड्रोन तैयार किया गया है। ड्रोन का नाम वरुण है। इस ड्रोन (Drone) की सबसे खास बात यह है कि ये पायलट रहित ड्रोन (Pilotless Drone) 130 किलोग्राम तक का पेलोड (Payload) ले जा सकता है। ड्रोन हवा में तकनीकी खराबी के बाद भी सुरक्षित लैंडिंग में सक्षम है. इसके अलावा आपात स्थिति में पैराशूट अपने आप खुल जाएगा और सुरक्षित लैंडिंग में मदद करेगा।
महाराष्ट्र (Maharashtra) के पुणे में एक स्टार्टअप ने देश का पहला यात्री ड्रोन ‘वरुण बनाया है। इस खास ड्रोन को भारतीय नौसेना ( Indian Navy) के लिए विकसित किया गया है। ड्रोन का प्रदर्शन जुलाई में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सामने किया गया था, यहां उनके साथ केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भी मौजूद थे।
इसमें चार ऑटो पायलट मोड हैं, इस ड्रोन में इंसान को सिर्फ बैठना होगा और इसके आलाव उसे कुछ नहीं करना है. ये ड्रोन उसे अपने आप ही एक जगह से दूसरी जगह ले जाएगा। इसे रिमोट से संचालित किया जाएगा।
नौसेना ने सागर डिफेंस को यह प्रोजेक्ट दिया था. कंपनी का कहना है कि इस प्रोजेक्ट को लगभग डेढ़ साल में पूरा करने की योजना है। जमीन पर इसका ट्रायल हो चुका है. ये नौसेना की कई आवश्यकताओं को पूरा करेगा। ड्रोन पूरी तरह से ऑटोमैटिक है। इसके साथ ही अगले 3 महीनों में वरुण का समुद्री परीक्षण शुरू हो जाएगा। ‘वरुण’ का इस्तेमाल एयर एम्बुलेंस या दूरदराज के इलाकों में माल परिवहन के लिए के रूप में किया जा सकता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस साल की शुरुआत में दिल्ली में दो दिवसीय भारत ड्रोन महोत्सव में ड्रोन उड़ाने में हाथ आजमाया था।
ब्यूरो रिपोर्ट ‘द इंडियन ओपिनियन’