न्यायमूर्ति उदय उमेश ललित (Justice Uday Umesh Lalit) देश के 49वें मुख्य न्यायाधीश नियुक्त किए गए हैं। समाचार एजेंसी पीटीआइ की रिपोर्ट के मुताबिक इस बारे में नोटिफिकेशन जारी कर दिया गया है। एनवी रमना ने गुरुवार को अपने उत्तराधिकारी के तौर पर जस्टिस यूयू ललित के नाम की संस्तुति केंद्रीय कानून मंत्री को भेजी थी।
महाराष्ट्र से आने वाले जस्टिस ललित अगस्त 2014 में वकील से सीधे सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश बनाए गए थे। उनके पिता मुंबई हाईकोर्ट में जज रह चुके हैं। वह तीन तलाक को खत्म करने वाली बेंच के सदस्य रहे हैं। जनवरी 2019 में अयोध्या में रामजन्म भूमि विवाद का फैसला करने वाली संविधान पीठ से जस्टिस ललित स्वयं हट गए थे।
पीटीआइ के मुताबिक राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू द्वारा नियुक्ति वारंट पर हस्ताक्षर करने के बाद न्यायमूर्ति यूयू ललित को 49वें मुख्य न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किया गया।
एनवी रमना के पद छोड़ने के बाद वह 27 अगस्त को पदभार ग्रहण करेंगे। जस्टिस यूयू ललित इस पद पर नियुक्त होने वाले दूसरे व्यक्ति हैं जिनको बार से सीधे शीर्ष अदालत की बेंच में पदोन्नत किया। जस्टिस ललित इस समय करोड़ों कर्मचारियों के लिए महत्वपूर्ण मामले, वेतन से पीएफ/पेंशन फंड काटने की सीमा बढ़ाने के खिलाफ ईपीएफओ की याचिकाओं पर सुनवाई कर रहे हैं।
इससे पूर्व जस्टिस ललित ने पिछले दिनों अप्रैल में एक फैसला दिया था, जिसमें उन्होंने चार वर्ष की बच्ची का रेप कर हत्या करने वाले फिरोज की मौत की सजा माफ कर यह कहते हुए 20 साल की सजा सुनाई थी। उन्होंने 1985 तक बांबे हाईकोर्ट में प्रैक्टिस की फिर जनवरी 1986 में दिल्ली में वकालत शुरू की। उन्हें 13 अगस्त 2014 को सुप्रीम कोर्ट का जज नियुक्त किया गया था।
ब्यूरो रिपोर्ट ‘द इंडियन ओपिनियन’