केंद्र सरकार ने बुधवार को बॉयोलॉजिकल-ई कंपनी की कॉर्बेवैक्स वैक्सीन को बूस्टर डोज की तरह इस्तेमाल करने की दी मंजूरी-

देश में कोरोना संक्रमण के प्रसार को रोकने के लिए सरकार ने एहतियाती खुराक के रूप में बायोलॉजिकल ई के कॉर्बेवैक्‍स को मंजूरी दे दी है। 18 साल से अधिक उम्र के लोग यह टीका लगा सकेंगे। यह पहली बार होगा कि कोविशील्‍ड या कोवैक्‍सीन की पहली और दूसरी खुराक लेने के बाद अब बूस्‍टर डोज के रूप में कॉर्बेवैक्‍स का इस्‍तेमाल किया जा सकेगा।

नेशनल टेक्निकल एडवाइजरी ग्रुप ऑफ इम्युनाइजेशन (NTAGI) ने 2 अगस्त को हेल्थ मिनिस्ट्री से कॉर्बेवैक्स को बूस्टर डोज के तौर पर इस्तेमाल करने की सिफारिश की थी। कोविड-19 कार्य समूह (CWG) ने 20 जुलाई की बैठक में तीसरे चरण के आंकडों की समीक्षा की जिसमें 18 से 80 वर्ष की आयु के उन लोगों का आकलन किया गया जो कोविड-19 निगेटिव हैं और जिन्‍होंने पहली दो खुराक कोविशील्ड या कोवैक्सीन की ली है, उनको कॉर्बेवैक्स तीसरी खुराक के तौर पर दिया जा सकता है।

कोवैक्सिन या कोवीशील्ड वैक्सीन लगवा चुके वयस्क, दूसरा डोज लगवाने की तारीख से 6 महीने या 26 हफ्ते बाद ही कॉर्बेवैक्स लगवा सकेंगे। जानकारी के मुताबिक, बूस्टर डोज के तौर पर मौजूदा गाइडलाइन में जल्द ही संशोधन किया जाएगा। ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) ने 4 जून को कॉर्बेवैक्स को 18 साल और उससे अधिक उम्र के लोगों के लिए बूस्टर डोज के तौर पर मंजूरी दी थी।

60 साल से अधिक उम्र के सभी लोगों को बूस्टर डोज की मंजूरी दी गई। देश में 10 अप्रैल को 18 साल से अधिक उम्र के सभी लोगों को कोरोना के बूस्टर डोज लगाए जाने की मंजूरी मिली थी।

 

ब्यूरो रिपोर्ट ‘द इंडियन ओपिनियन’

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