गुजरात सरकार का कहना है कि उसने अपनी सजा माफी नीति के अनुरूप 11 दोषियों को छूट दी है। इन दोषियों को इसी साल 15 अगस्त को जेल से रिहा किया गया। दोषियों को गोधरा उप-जेल में 15 साल से अधिक की सजा काटने के बाद छोड़ा गया है।
गुजरात सरकार ने सोमवार को सुप्रीम कोर्ट को बिलकिस बानो मामले में 11 दोषियों की रिहाई का कारण बताया. गुजरात सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल कर कहा कि बोर्ड में शामिल सभी व्यक्तियों की राय के आधार पर ही दोषियों को रिहा करने का फैसला लिया गया था. इसमें सजा के दौरान दोषियों के व्यवहार पर भी विचार किया गया था. दरअसल, गुजरात सरकार ने 11 दोषियों को रिहा करने के खिलाफ दाखिल याचिकाओं पर सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में जवाब दाखिल किया. आज यानी मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में इस मामले पर सुनवाई है.
बिलकिस बानो केस में 11 दोषियों की रिहाई मामले पर गुजरात सरकार ने याचिकाकर्ता (सुभाषिनी अली, महुआ मोइत्रा) द्वारा याचिका दाखिल करने पर सवाल उठाए. गुजरात सरकार की ओर से हलफनामे मे कहा गया कि क्षमादान को चुनौती देना जनहित याचिका के अधिकार क्षेत्र में नहीं आता है और यह अधिकारों का दुरुपयोग है.
बता दें, यह मामला गोधरा कांड के बाद 2002 में हुए हुए गुजरात दंगों से जुड़ा है। तब बिलकिस बानो 21 साल की थी और पांच माह की गर्भवती थीं। दंगों के बीच भागते समय बिलकिस के साथ सामूहिक दुष्कर्म हुआ था और उसके परिवार के सात सदस्य की हत्या कर दी गई थी। मृतकों में उसकी तीन साल की बेटी भी शामिल थी।
15 साल जेल काटने के बाद हुई रिहाई
उधर, गुजरात सरकार का कहना है कि उसने अपनी सजा माफी नीति के अनुरूप 11 दोषियों को छूट दी है। इन दोषियों को इसी साल 15 अगस्त को जेल से रिहा किया गया। दोषियों को गोधरा उप-जेल में 15 साल से अधिक की सजा काटने के बाद छोड़ा गया है।