पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान इन बाढ़ के संकट से जूझ रहा है। इसे देखते हुए पाकिस्तान सरकार ने ‘राष्ट्रीय आपातकाल’ घोषित कर दिया है और बाढ़ प्रभावित लोगों के पुनर्वास में मदद के लिए चंदा मांगा है। पाकिस्तान में असामान्य वर्षा, बादल फटने, ग्लेशियर के ओवरफ्लो होने से बाढ़ जैसी स्थिति बन गई है और इस बाढ़ से मरने वालों की संख्या 900 से ज्यादा हो गई है।
प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने अपनी यूनाइटेड किंगडम की यात्रा रद्द कर दी है और वह कतर से वापस आकर बाढ़ राहत गतिविधियों की समीक्षा के लिए एक बैठक की अध्यक्षता कर रहे हैं। इंटर-सर्विसेज पब्लिक रिलेशंस (ISPR) ने खुलासा किया कि पाकिस्तान के चार प्रांतों – बलूचिस्तान, सिंध, पंजाब (दक्षिण) और खैबर पख्तूनख्वा के
निवासी इस मॉनसूनी बारिश के कारण बाढ़ से भाग रहे हैं।
मंत्री ने कहा कि बलूचिस्तान और सिंध में बाढ़ से हुई तबाही से निपटने के लिए राष्ट्रीय भावना की जरूरत है। रिकॉर्ड तोड़ मॉनसूनी बारिश के कारण लोग बाढ़ से पलायन कर रहे हैं। इन सभी के बीच, 82,033 घर क्षतिग्रस्त हो गए और 710 मवेशी मारे गए। इसके अलावा यह भी बताया जा रहा है।
ब्यूरो रिपोर्ट ‘द इंडियन ओपिनियन’