देवव्रत शर्मा-
इटावा के सैफई स्थित मेडिकल यूनिवर्सिटी सैफई पीजीआई के वाइस चांसलर प्रोफेसर राजकुमार ने अस्पताल परिसर के भवनों का सदुपयोग करते हुए 500 बेड का विशेष कोविड19 हॉस्पिटल तैयार कर लिया है जो कि कोरोना के संदिग्ध और पीड़ित मरीजों का इलाज करने में बड़ी भूमिका अदा करेगा।
यह हॉस्पिटल दो हिस्सों में तैयार किया गया है पहले हिस्से में 284 बेड का आइसोलेशन ब्लॉक तैयार किया गया है जहां कोरोना संदिग्ध मरीजों का इलाज होगा, वहीं मरीजों की पुष्टि के बाद उन्हें स्पेशल कोविड हॉस्पिटल में शिफ्ट किया जाएगा जहां 200 बेड होंगे।
इसके अलावा विशेष परिस्थितियों में जिन मरीजों को वेंटीलेटर्स की जरूरत होगी उनके लिए 20 वेंटीलेटर्स की सुविधाओं के साथ एक सेपरेट आईसीयू तैयार किया जा रहा है। जहां सभी आधुनिक आवश्यक उपचार सुविधाएं होंगी जिससे कोरोना पीड़ितों को बचाने में मदद मिलेगी।
यह सारी व्यवस्था करने के लिए सैफई पीजीआई ने अपने उपलब्ध संसाधनों से ही प्रयास करके एक बड़ा काम किया है। गौरतलब है कि पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव और अखिलेश यादव के कार्यकाल में निर्मित सैफई पीजीआई में बड़ी संख्या में भवनों का निर्माण हुआ है ऐसे में कुछ भवन जो अनुपयोगी थे उनका सदुपयोग करते हुए इस काम को अंजाम दिया गया है जिससे उत्तर प्रदेश में कोरोना पीड़ितों के इलाज में बड़ी मदद मिलेगी।
सैफई पीजीआई के वाइस चांसलर प्रोफेसर राजकुमार ने “द इंडियन ओपिनियन” से बातचीत में बताया कि “हमारे पास जो अतिरिक्त स्थान और संसाधन उपलब्ध था उसका सदुपयोग करके यह काम किया गया है। नए कोविड हॉस्पिटल में सभी आवश्यक सुविधाएं सभी जांच की सुविधाएं उपलब्ध कराई गई हैं और दो दर्जन डॉक्टरों की डेडीकेटेड टीम भी इस काम के लिए लगा दी गई है जिनके साथ पर्याप्त मात्रा में पैरामेडिकल स्टाफ भी लगाया गया है, प्रोफेसर राजकुमार ने बताया कि नए अस्पतालों को दो हिस्से में तैयार किया गया है और करोना से प्रभावित लगभग 500 लोगों के उपचार की व्यवस्था तैयार की गई है और यह अस्पताल पूरी तरह से सेवाएं देने के लिए तैयार हो चुके हैं”।
कोरोना मरीजों के लिए तैयार इस विशेष अस्पताल में एक्सरे अल्ट्रासाउंड पैथोलॉजी सभी आवश्यक जांच की सुविधाएं डायलिसिस और वेंटिलेटर की सुविधाएं भी उपलब्ध रहेंगी।
फिलहाल इटावा में कोई भी करोना मरीज अभी नहीं पाया गया है लेकिन पहले से ही तैयारियां की गई है जिससे आसपास के जनपदों के मरीजों की भी सेवा की जा सके।
प्रोफेसर राजकुमार के प्रयासों की चारों और सराहना हो रही है प्रमुख अखबारों ने भी उनके इस प्रयास को व्यापक कवरेज दी है उत्तर प्रदेश और देश के सभी मेडिकल कॉलेजों में यदि इस प्रकार की कोशिश की जाए तो जानलेवा कोरोना महामारी की चुनौती का मजबूती से सामना किया जा सकता है।