पीएम मोदी ने कहा देशवासी आर्थिक तरक्की जरूर हासिल करेंगे! पढ़िये लेख। The Indian Opinion

रिपोर्ट – आराधना शुक्ला

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अर्थव्यवस्था को फिर से पटरी पर लाने के लिए  “पांच आई- इंटेंट, इनक्ल्युसिव, इनवेस्ट इंफ्रास्ट्रक्चर, इनोवेशन (प्रयोजन, समावेशी, निवेश, निर्माण, नवाचार)” पर ध्यान देने को कहा। ये बातें उन्होंने भारतीय उद्योग परिसंघ के 125 वर्ष पूरे होने के अवसर पर कही।

मंगलवार को भारतीय उद्योगपतियों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस अर्थव्यवस्था को सुस्त कर सकता है लेकिन भारत अपने विकास की रफ्तार को फिर से हासिल कर लेगा। इसके अलावा उन्होंने कहा कि हाल ही में केंद्र सरकार द्वारा आर्थिक पैकेज की घोषणाओं के दौरान जो कदम उठाए गए हैं, उनसे अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने की झलक देखी जा सकती है।
प्रधानमंत्री ने उद्योगपतियों से कहा, “हम निश्चित रूप से अपनी वृद्धि दर को हासिल कर लेंगे। इस हालात में अपने ‘गेटिंग ग्रोथ बैक’ की बात शुरू की है। बल्कि मैं तो इससे आगे बढ़कर यह  ये भी कहूँगा कि, ‘यस, वी विल डेफिनटली गेट आवर ग्रोथ अगेन (हां हम जरूर अपनी समृद्धि दर वापस कर लेंगे)।”

अनलॉक-1 के प्रथम चरण में अर्थव्यवस्था का बहुत हिस्सा खुला-

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा एक तरफ हमें कोरोना से बचना है और दूसरी तरफ अर्थव्यवस्था का भी ध्यान रखना है। उन्होंने कहा कि कोरोना की वजह से हमारी रफ्तार जरूर धीमी पड़ी है लेकिन आज देश की सबसे बड़ी सच्चाई यह है कि भारत लॉकडाउन को पीछे छोड़कर अनलॉक के प्रथम चरण में प्रवेश कर चुका है। इससे अर्थव्यवस्था का एक बहुत बड़ा हिस्सा खुल चुका है। प्रधानमंत्री ने इसके पीछे की वजह बताते हुए कहा कि आज यह इसलिए संभव हो पा रहा है क्योंकि भारत नें सही समय पर सही तरीके से सही कदम उठाए। दुनिया के अन्य देशों से तुलना करने पर पता चलता है कि भारत में लॉकडाउन का कितना व्यापक प्रभाव रहा है।
अर्थव्यवस्था को मजबूती देना सरकार की बड़ी प्राथमिकता प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कोरोनाकाल में अर्थव्यवस्था को मजबूती प्रदान करना हमारी सबसे बड़ी प्राथमिकताओं में से एक है। इसके लिए सरकार जो फैसले अभी तुरंत लिए जाने जरूरी हैं, वह ले रही है। साथ ही कुछ ऐसे भी फैसले लिए गए हैं जो लंबी अवधि में देश को फायदा पहुंचाएंगे।

प्रधानमंत्री ने सरकार द्वारा उठाए कदमों के बारे में कहा कि सुधारात्मक फैसले अचानक या बिना सोचे समझे नहीं लिए गए हैं। ये पूर्ण व्यवस्थित, नियोजित, एकीकृत, अंतर-संबंधित और भविष्य से जुड़ी प्रक्रियाओं को ध्यान में रख कर लिए गए फैसले हैं। इसके साथ ही उन्होंने यह भी  जोड़ा कि हमारे लिए सुधार का मतलब फैसले लेने का साहस करना और उन्हें तार्किक निष्कर्ष तक ले जाना है।

दुनिया का भारत में भरोसा इंडस्ट्री उठाएं लाभ-

प्रधानमंत्री नें कहा कि आज दुनिया एक भरोसेमंद और विश्वसनीय भागीदार चाहती है। भारत के पास योग्यता, ताकत और क्षमता तीनों मौजूद हैं। भारत को इसका फायदा जरूर उठाना चाहिए।
आत्मनिर्भर भारत का अर्थ स्पष्ट करते हुए उन्होंने कहा कि, आत्मनिर्भर भारत का मतलब है कि हम और ज्यादा मजबूत होकर दुनिया को आत्मसात करें।आत्मनिर्भर भारत वैश्विक अर्थव्यवस्था के साथ पूरी तरह एकीकृत और सहयोगात्मक होगा। हमें अब एक ऐसी मजबूत घरेलू सप्लाई चेन के निर्माण में निवेश करना है, जो वैश्विक सप्लाई चेन में भारत की हिस्सेदारी को मजबूत करें। इस अभियान में सीआईआई जैसी दिग्गज संस्था को भी नई भूमिका में आगे आना होगा।

प्रधानमंत्री मोदी ने भारत में बने उत्पादों की तरफ इशारा करते हुए कहा कि अब हमें इस बात की तरफ ज्यादा ध्यान देना होगा कि अधिक से अधिक उत्पाद भारत में ही बने और ‘मेड फॉर द वर्ल्ड’ (दुनिया के लिए बनें) हो।
देश में आयात को कम से कम कर के निर्यात को बढ़ावा देने के लिए क्या नए लक्ष्य तय किए जा सकते हैं, इस पर भी ध्यान देना होगा।

उन्होंने देश के भीतर ही पीपीई के निर्माण की भी बात की और कहा कि सिर्फ 3 महीने के भीतर ही सैकड़ों करोड़ की इंडस्ट्री अपने आप ही खड़ी है। आज भारत विश्व का तीसरे नंबर का पीपीई निर्माता देश बन चुका है।उन्होंने देश को आत्मनिर्भर बनाने का संकल्प लेने की बात भी दोहराई और कहा कि इस संकल्प को पूरा करने के लिए अपनी पूरी ताकत लगा दें।

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