एक तरफ करोना की खतरनाक महामारी के चलते हर रोज हजारों परिवारों में मातम हो रहा है, कहा जा रहा है बीमारी के कारगर इलाज की कोई भी दवा अभी तक मौजूद नहीं है …वहीं दूसरी तरफ देश के बड़े डॉक्टर और सरकारी मेडिकल विश्वविद्यालय के वाइस चांसलर प्रोफेसर राजकुमार ने सरकार से गुजारिश की है कि उनके द्वारा कोरोना के इलाज की बनाई गई प्रभावशाली दवा “राजनिर्वाण वटी” को मरीजों को उपलब्ध करवाया जाए जिससे मरीजों की जान बचाई जा सके।
पहले हम जान लेते हैं कि प्रोफेसर राजकुमार कौन हैं प्रोफेसर राजकुमार उत्तर प्रदेश मेडिकल यूनिवर्सिटी saifai के कुलपति हैं वह इसके पहले एम्स देहरादून के निदेशक रह चुके हैं और लखनऊ में संजय गांधी पीजीआई में न्यूरो सर्जरी विभाग के अध्यक्ष रह चुके हैं उनकी गिनती देश के बड़े चिकित्सकों में होती है। उनका दावा है कि इस दवा से 99 फ़ीसदी से अधिक मरीज सुरक्षित हो सकते हैं।
प्रोफेसर राजकुमार ने पिछले साल कोरोनावायरस का संक्रमण आने के बाद कोरोना की चुनौती को बहुत गंभीरता से लेते हुए व्यापक अध्ययन किया और इसके निराकरण के लिए भी आयुर्वेद के साथ-साथ आधुनिक चिकित्सा विज्ञान के मानकों को ध्यान में रखते हुए कई शोध किए।
सैफई मेडिकल विश्वविद्यालय में सरकारी मानकों के अनुरूप इस दवा का परीक्षण भी किया था और आईसीएमआर यानी इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च के द्वारा अनुमति लेकर level-1 का रेंडमाइज्ड कंट्रोल टेस्ट भी सैकड़ों मरीजों के ऊपर किया था जिसमें यह दवा पूरी तरह कारगर साबित हुई और सैकड़ों गंभीर कोरोना मरीजों को इस दवा से फायदा मिला था।
प्रोफेसर राजकुमार ने एक बार फिर यह दावा किया है कि उनकी दवा से देश में कोरोना के बिगड़ते हालातों को नियंत्रित किया जा सकता है और मृत्यु दर को काफी हद तक कम किया जा सकता है।
आखिर क्यों उत्तर प्रदेश की सरकार और देश की सरकार अपने ही एक वरिष्ठ सरकारी डॉक्टर की बात नहीं सुन रही क्यों एक सरकारी मेडिकल विश्वविद्यालय के वाइस चांसलर की बात नहीं मानी जा रही और यदि उनके पास कोरोना से बचाव के लिए प्रभावी दवा का फार्मूला है तो यह दवा क्यों नहीं जनता को उपलब्ध कराई जा रही है ऐसे कई सवाल यहां पर खड़े होते हैं जिनका जवाब सरकार को देना चाहिए?
रिपोर्ट – दीपक मिश्रा