श्रीलंका के पीएम से मोदी जी की वीडियो कांफ्रेंसिंग चीन की मनमानी रोकने की संयुक्त कार्य योजना सक्रिय।

प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी और श्रीलंका के प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे के बीच आज द्विपक्षीय वर्चुअल वार्ता हुई। प्रधानमंत्री मोदी की किसी पड़ोसी देश के साथ यह पहली वर्चुअल बैठक है। राजपक्षे की भी इस वर्ष अगस्‍त में श्रीलंका के प्रधानमंत्री के रूप में शपथ लेने के बाद किसी अन्‍य देश के साथ यह पहली राजनयिक वार्ता है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत और श्रीलंका के बीच
इस वर्चुअल द्विपक्षीय शिखर सम्मेलन के लिए निमंत्रण स्वीकार करनें के लिए श्रीलंका के प्रधानमंत्री को धन्यवाद कहा और राजपक्षे को प्रधानमंत्री चुने जाने और संसदीय चुनाव में उनकी पार्टी के जीत के लिए बधाई भी दी।

इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी ने कहा कि पड़ोसी देशों को वरीयता देने और सागर सिद्धांत के तहत भारत, श्रीलंका के साथ अपने संबंधों को सबसे अधिक प्राथमिकता देता है। उन्‍होंने कहा कि दोनों देशों के बीच हजार वर्ष पुराने संबंध हैं। मोदी ने यह भी कहा कि भारत और श्रीलंका, बिमस्‍टेक, हिंद महासागर तटीय क्षेत्र और सार्क जैसे बहुपक्षीय संगठनों में मिलकर काम कर रहे हैं।

● राजपक्षे नें की भारत की सराहना
श्रीलंका के प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे ने भारत की तारीफ करते हुए कहा, “कोरोना महामारी के दौरान भारत ने अन्य देशों के साथ मिलकर जैसा काम किया मैं इसके लिए आभार व्यक्त करता हूं।” उन्होंने आगे कहा कि, एमटी न्यू डायमंड जहाज पर आग को बुझाने के ऑपरेशन ने दोनों देशों के बीच अधिक सहयोग को अवसर प्रदान किया है।
अधिकारियों के अनुसार शनिवार को अपने वर्चुअल शिखर सम्मेलन के दौरान राजपक्षे और उनके भारतीय समकक्ष नरेंद्र मोदी के बीच द्विपक्षीय वार्ता में मछुआरों का मुद्दा एक महत्वपूर्ण बिंदु था।
राजपक्षे के मीडिया कार्यालय नें शनिवार को कहा था कि प्रधानमंत्री नें शुक्रवार को स्थानीय मछली पकड़ने वाले संगठनों की एक बड़ी टुकड़ी के साथ बातचीत की और दोनों देशों के बीच यह मुद्दा चर्चा का प्रमुख बिंदु होगा। जहाँ राजपक्षे नें उन्हें आश्वासन दिया था कि इस मुद्दे को भारतीय जनता के साथ उठाया जाएगा।

●हिंद महासागर में शांति और स्वतंत्र आवागमन का पक्षधर
हिन्द महासागर में चीन की बढ़ती ताकत से इसके तटीय देश चिंतित हैं और अपनी इसी चिंता के मद्देनजर  श्रीलंका ने साफ कर दिया है कि इस समुद्री क्षेत्र को किसी के शक्ति प्रदर्शन का अड्डा नहीं बनने दिया जाएगा।
संयुक्त राष्ट्र में श्रीलंका के राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे ने अपने पहले से रिकॉर्ड किए हुए भाषण में कहा,  “हमारी प्राथमिकता हिंद महासागर क्षेत्र में शक्ति बनाए रखने की है जहां कोई देश किसी अन्य पर अपनी बढ़त साबित न कर पाए। श्रीलंका हिंद महासागर क्षेत्र में रणनीतिक महत्व वाले स्थान पर स्थित है। भारत को घेरने के लिए चीन श्रीलंका के इस महत्व के इस्तेमाल की कोशिश में है।”
गौरतलब है कि चीन नें अपने कर्ज़ के जाल में श्रीलंका को भी फसाया हुआ है। श्रीलंका का हम्बनटोटा पोर्ट इसी जाल के तहत चीन नें 99 सालों के लिए लीज पर ले लिया है।

●भारत नें श्रीलंका को 15 मिलियन डॉलर की मदद
प्रधानमंत्री मोदी ने दोनों देशों के बौद्ध संबंधों को प्रगाढ़ करनें के लिए 15 मिलियन डॉलर की मदद देनें का एलान किया है। इसके अलावा उत्तर प्रदेश के कुशीनगर से पहली विमान यात्रा के द्वारा श्रीलंका के बौद्ध तीर्थ यात्रियों के प्रतिनिधिमंडल को स्पॉन्सर किये जाने की भी घोषणा की गई।
दोनों देशों के बीच रक्षा, शिक्षा, संस्कृति और विकास को लेकर भी तमाम बातें हुई। प्रधानमंत्री मोदी ने श्रीलंका को तीन सोलर पॉवर प्रोजेक्ट के लिए 100 मिलियन डॉलर का लाइन ऑफ क्रेडिट (एलओसी) भी दिया।
प्रधानमन्त्री मोदी से बातचीत करने के दौरान राजपक्षे नें जाफना कल्चर का भी जिक्र किया जो भारत के सहयोग से बना है। उन्होंने इनके उद्घाटन के लिए प्रधानमन्त्री मोदी को आनें का निमंत्रण भी दिया।

-अराधना शुक्ला

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *