हरदोई: शासन की मंशा, बढ़ते वायु प्रदूषण तथा आम जनमानस के स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए किसान पराली न जलायें: जिलाधिकारी

हरदोई। पराली प्रबन्धन एवं निस्तारण के सम्बन्ध में कलेक्टेट सभागार में आहूत बैठक की अध्यक्षता करते हुए जिलाधिकारी अविनाश कुमार ने उपस्थित किसान यूनियन के पदाधिकारियों से कहा कि शासन की मंशा, बढ़ते वायु प्रदूषण तथा आम जनमानस के स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए खेत में किसी प्रकार की पराली न जलायें और इसमें जिला प्रशासन का सहयोग करें।

उन्होने कहा कि रसोई से खेत की हर प्रकार के वेस्ट कूड़े व पराली आदि के निस्तारण के लिए कृषि विभाग द्वारा वेस्ट डीकम्पोजर नामक फंगश निर्माण किया गया जिसे अधिक पानी के घोल में डाल कर और अधिक मात्रा में तैयार कर वेस्ट कूड़े एवं पराली आदि पर छिड़काव कर खाद तैयार की जाती है और इस खाद को किसान भाई पुनः अपने खेत में डाल कर खेत की मिट्टी की उर्वरक क्षमता बढ़ाने के साथ फसल की पैदावार बढ़ाये। जिलाधिकारी ने कहा कि वेस्ट डीकम्पोजर फंगस के माध्यम से घोल तैयार करने एवं छिड़काव आदि कर पराली आदि से खाद बनाने की पूरी जानकारी गांव-गांव के किसान भाईयों तक पहुंचायी जायेगी।

बैठक में जिलाधिकारी ने कहा इसके अलावा जो किसान भाई अपने खेत की पराली गौशालाओं में दें रहे है उनकी पराली ग्राम प्रधानों द्वारा ट्रैक्टर-ट्राली के माध्यम से गौशालाओं में पहुंचाया जा रहा है और अगर किसी किसान द्वारा अपनी खेत की पराली गौशाला में भेजने के लिए ग्राम प्रधान से कहता है और ग्राम प्रधान एवं सचिव द्वारा संज्ञान नहीं लिया जाये तो इसकी जानकारी किसान भाई तत्काल डीडी कृषि, डीसी मनरेगा या अपर जिलाधिकारी को दूरभाष पर दें, सूचना प्राप्त होते ही उक्त समस्या का समाधान कराते हुए संबंधित ग्राम प्रधान व सचिव के खिलाफ कड़ी कार्यवाही की जायेगी।

इस अवसर पर डीडी कृषि डा0 आशुतोष कुमार मिश्रा ने डीकम्पोजर फंगस के बारे में उपस्थित किसान एवं पत्रकार बंधुओं को बताया कि एक ड्रम में दो सौ लीटर पानी में दो किलो गुड डाल दे फिर उसमें किसी लकड़ी आदि से इस डीकम्पोसर फंगस को डाल कर अच्छी तरह मिलाकर ढक दें और इसे दो-तीन दिन तक रोज हिलायें और इस तरह यह फंगस पांच-छः दिन में वेस्ट कूड़े व पराली आदि पर छिड़काव के लिए पूरी तरह तैयार जाता है। उन्होने बताया ड्रम में तैयार फंगस में से 10 या 20 लीटर फंगस निकालकर अलग रख लें, शेष फंगस को गड्ढे या खुले स्थान पर जमा की गयी पराली पर अच्छी तरह छिड़काव कर दें, इसके बाद 45 दिन में अच्छी खाद बनकर तैयार हो जायेगी, जिसे किसान भाई अपने खेत, बाग आदि में प्रयोग कर सकते है और इस खाद को डालने के बाद किसान भाईयों को खेत आदि में यूरिया आदि डालने की आवश्यकता नहीं होगी।

उन्होने बताया कि डीकम्पोजर फंगस सभी ग्राम प्रधानों, सचिव, टीए के पास उपलब्ध तथा इसके अलावा किसान भाई इफकों केन्द्रों से इसे रू0-20 में क्रय कर सकते है।

बैठक में डीसी मनरेगा ने बताया कि गांव में जिन किसानों के पास पराली निस्तारण हेतु गड्ढा आदि बनाने का स्थान नहीं है उन ग्राम पंचायतों में सामूहिक रूप से 10-10 गड्ढे खुदवाये जा रहे है ताकि छोटे किसान अपनी पराली का निस्तारण करा सकें। बैठक में अपर जिलाधिकारी संजय कुमार सिंह, जिला कृषि अधिकारी उमेश कुमार शाहू, अपर जिला सूचना अधिकारी दिव्या निगम, राष्ट्रीय भारतीय कृषि दल अध्यक्ष सरोज दीक्षित, अध्यक्ष भारतीय किसान युनियन राजबहादुर सिंह यादव, राघवेन्द्र चौहान तथा समर सिंह आदि कृषक नेता एवं पत्रकार बन्धु उपस्थित रहे।

हरदोई से शिवहरि दीक्षित की रिपोर्ट!

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