आत्मनिर्भर भारत की सफलता का द्वार बनेगा उत्तर प्रदेश! पढ़िए हरीश चंद्र श्रीवास्तव का लेखl

वैश्विक महामारी को लेकर संदेह के घेरे में चीन और विश्व स्वास्थ्य संगठन:

कोरोना महामारी की उत्पत्ति एवं इसके प्रसार को लेकर चीन की संदिग्ध भूमिका पर विश्वभर में रोष है। चीन ने जिस प्रकार इस विषाणु की उत्पत्ति पर गहन अनुसंधान के लिये विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ)में आये प्रस्तावों पर बार—बार रोड़ा अटकाया जा रहा है और जिस प्रकार डब्ल्यूएचओ के चीन समर्थित प्रमुख टेड्रस एडॉनम ने इस विषाणु को लेकर प्रारंभ में भ्रमपूर्ण वक्तव्यों से विश्व के सभी कोनो में इसके प्रसार में सहायक रहे, उससे डब्ल्यूएचओ के साथ ही चीन के प्रति भी अविश्वास बढ़ा है। अमेरिका व आस्ट्रेलिया जैसे देशों के सख्त रूख को देखते हुए इस महामारी के थमने के बाद चीन को इसका भुगतान करना पड़ सकता है। चीन के प्रति यह अविश्वास केवल देशों में नहीं, अपितु वैश्विक कारोबारियों में भी है। ऐसे में चीन पर आर्थिक मार पड़ना आसन्न दिख रहा है।

भारत का मजबूत नेतृत्व संकट के समाधान में सक्षम :

यह भारत का सौभाग्य है कि उसके पास नरेन्द्र मोदी जैसा विजनरी नेता हैं, जिन्होंने न केवल देश को इस महामारी के प्रकोप से बचाने का सफल प्रयास किया है, अपितु संकट के इस काल को भारत की आत्मनिर्भता के अवसर में बदलने की चुनौती को स्वीकार कर भारत को वैश्विक पटल पर ‘मेक इन इंडिया’ को और गतिमान करके समर्थ व शक्तिशाली बनाने की योजना पर कार्यरत हैं। इस महामारी के कारण अर्थव्यवस्था पर पड़े प्रभावों से निपटने के लिये सुविचारित व सुदृढ़ योजनाओं के साथ 20 लाख करोड़ रुपये का आर्थिक पैकेज देकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इस दिशा में कार्य भी प्रारंभ कर दिया है।

वर्तमान परिपेक्ष में उत्तर प्रदेश की बड़ी भूमिका:

ऐसे में उत्तर प्रदेश जैसे बड़े राज्य की भूमिका अति महत्वपूर्ण है। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के मार्गदर्शन में इस चुनौती को आत्मनिर्भर प्रदेश बनाने के अवसर के रूप में लिया है।
इस समय योगी सरकार के पास आर्थिक गतिविधियों को पुन: संचालित करवाने के साथ ही लाखों की संख्या में अपने गृह प्रदेश लौटे प्रवासी श्रमिकों के पुनर्वास की भी चुनौती है। उत्तर प्रदेश सरकार ने प्रदेश के प्रवासी कामगारों की जनपदवार सूची तैयार कर उन्हें विभिन्न राज्यों से वापस ला रही है। साथ ही इन श्रमिकों का कौशल डाटा तैयार किया जा रहा है, जिससे प्रदेश में उनके लिये रोजगार की व्यवस्था की जा सके।

यूपी में जीवन रक्षा और पुनर्वास अभियान  की कमान योगी ने खुद संभाली :

मुख्यमंत्री योगी इस संबंध में व्यापक कार्ययोजना तैयार करने में जुट गये हैं। योजना यह है कि इन प्रवासी श्रमिकों को उनके गृह जनपद में ही रोजगार उपलब्ध कराया जाये। राज्य सरकार के लिये इस योजना का क्रियान्वयन कठिन इसलिये नहीं लगता, क्योंकि 2017 में सरकार बनने के बाद दो समिट कराकर पांच लाख करोड़ से अधिक के निवेश प्रस्तावों पर हस्ताक्षर कराने के बाद इनमें से लगभग ढाई लाख करोड़ के समझौते का शिलान्यास करके धरातल पर उतार दिया है। महत्वाकांक्षी रक्षा कोरिडोर पर कार्य निरंतर आगे बढ़ रहा है। कानून—व्यवस्था एवं निर्बाध बिजली, पानी व अन्य आधारभूत सुविधाएं उपलब्ध कराने में रिकार्ड सफलता प्राप्त की है, साथ ही वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट योजना लांच कर प्रत्येक जनपद की औद्योगिक विशेषताओं को उभारने का कार्य भी प्रारंभ कर दिया है।

ऐसे में स्थानीय श्रमिकों के साथ प्रवासी श्रमिकों को उनके गृह जनपद में ही उनके कौशल के अनुसार रोजगार उपलब्ध करवाने का लक्ष्य प्राप्त किया जा सकता है। जनसंख्या के आधार पर उत्तर प्रदेश देश का सबसे बड़ा प्रदेश है और यहां के प्रवासी श्रमिकों व कामगारों की संख्या भी अधिक है। स्वतंत्रता के सात दशक पूरा होने के बावजूद प्रदेश में अवसरों का सृजन नहीं किया गया, जिस कारण बड़ी संख्या में मानव संसाधन दूसरे औद्योगिक राज्यों में पलायन करने को विवश थी। किंतु पिछले तीन वर्षों में राज्य के औद्योगिक विकास के लिये अनेक योजनाएं व कार्यक्रम शुरू किये गये हैं।

जनता के समग्र विकास के कार्यक्रम को योगी सरकार ने  धरातल पर उतारा :

पिछले तीन वर्षों में योगी सरकार ने कुशल मानव संसाधन के विकास, एक्सप्रेसवेज सहित बेहतर कनेक्टीविटी, अवस्थापना सुविधाएं व प्राकृतिक संसाधनों की उपलब्धता सुनिश्चित करने का प्रयास किया है। ऐसे में बदली हुई वैश्विक परिस्थितियों में उत्तर प्रदेश विदेशी कंपनियों के लिए आकर्षक गंतव्य हो सकता है। प्रदेश में एक छोर से दूसरे छोर तक चारों दिशाओं में तीव्र कनेक्टिविटी स्थापित करने के लिये मेरठ से प्रयागराज तक विश्व का सबसे बड़ा एक्सप्रेस—वे गंगा एक्सप्रेस—वे एवं पूर्वांचल एक्सप्रेस—वे, बुंदेलखंड एक्सप्रेस—वे, गोरखपुर लिंक एक्सप्रेस—वे पर काम शुरू कर दिया है। ऐसे में एक्सप्रेसवेज के निकटवर्ती क्षेत्रों में औद्योगीकरण की व्यापक संभावना है। इसी को ध्यान में रखते हुए मुख्यमंत्री योगी उद्योगों के लिए लैंडबैंक बनाने के काम में भी जुट गये हैं। योगी ने अफसरों को औद्योगिक विकास विभाग और राजस्व विभाग के समन्वय से यथाशीघ्र भूमि चिह्नित करने के निर्देश दिए हैं, साथ ही कहा है कि जमीन की उपलब्धता में आने वाली समस्याओं का तत्परता से निस्तारण करें। इन कदमों से वैश्विक कंपनियों को संदेश मिलेगा कि उत्तर प्रदेश में उद्योग स्थापना और निवेश लाभकारी व सुगम होगा।

वैश्विक निवेश व उद्योग स्थापना के लिये श्रमिकों के लिए फूल—प्रूफ योजना बनाने के साथ ही स्थानीय स्तर पर निम्नवर्ग की आर्थिक गतिविधियों को सुधारने के लिये योगी सरकार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आर्थिक पैकेज से नगरीय क्षेत्रों में पटरी व रेहड़ी दुकानदारों को सीएम योगी आदित्यनाथ 10- 10 हजार रुपये तक सरलता से ऋण देने की ओर पहले ही बढ़ गये हैं। राज्य सरकार लॉकडाउन की अवधि में अब तक लगभग 8.41 लाख पटरी व्यवसायियों को भरण-पोषण भत्ते के रूप में 1000 रुपये और खाद्यान्न उपलब्ध करा चुकी है। ऐसे में उसके पास डाटा तैयार है तो ऐसे लोगों में ऋण के पात्रों के चयन और अन्य प्रक्रिया में आसानी होगी।

आत्मनिर्भर यूपी तो आत्मनिर्भर भारत :

आत्मनिर्भर भारत के निर्माण में उत्तर प्रदेश की अग्रणी भूमिका सुनिश्चित करने के लिये योगी सरकार सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यमों, एक जिला-एक उत्पाद योजना के माध्यम से शिल्पकारों, व्यवसायियों और कामगारों को लाभकारी रोजगार से जोड़ने का काम कर रही है। मुख्यमंत्री योगी कृषि अवसंरचना, किसानों की आय बढ़ाने, खाद्य प्रसंस्करण, मत्स्य और पशुपालन, हर्बल खेती और मधुमक्खी पालन आदि के माध्यम से स्थानीय स्तर पर व्यापार व व्यवसाय में भी जनता को आत्मनिर्भर बनाने की योजना पर कार्यरत हैं।

योगी सरकार के इन प्रयासोें से उत्तर प्रदेश विनिर्माण हब बनने के पथ पर अग्रसर होने वाला प्रमुख राज्य बनने जा रहा है। बीते वर्ष उत्तर प्रदेश में डिफेन्स एक्सपो का शुभारंभ करते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भी कहा था कि उत्तर प्रदेश भारत के रक्षा विनिर्माण का हब बनेगा। योगी आदित्यनाथ जिस गति व उत्साह से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के आत्मनिर्भर भारत के अभियान की सफलता के लिये लगे हैं, उससे आगामी दिनों में निश्चित रूप से प्रदेश को भारत के औद्योगिक मानचित्र पर शीर्ष स्तर पर लाने की संभावना प्रबल दिख रही है। इस सपने के साकार होने से देश के विकास में ही नहीं, प्रदेश में रामराज्य की अवधारणा मूर्त रूप लेगी और प्रदेश की जनता सुखी, समृद्ध व सशक्त होगी।

हरीशचंद्र श्रीवास्तव
(लेखक सामाजिक व राजनीतिक विश्लेषक हैं)

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