रिपोर्ट – रविनंन खजांची,
नरेंद्र मोदी सरकार महामारी से जूझ रही भारतीय अर्थव्यवस्था को उबारने के लिए आयात घटाने और निर्यात बढ़ाने पर जोर दे रही है।
क्रिसिल की रिपोर्ट के अनुसार, एक ओर जहां भारत में चीनी उत्पादों के बहिष्कार के लिए अभियान चल रहा है, वहीं दूसरी ओर चीन ने भारतीय सामानों का जमकर आयात किया है। इस साल जून में चीन में भारतीय उत्पादों का निर्यात 78 फीसदी बढ़ा है।
चीन में निर्यात का प्रमुख कारण
चीन में भारतीय उत्पादों की निर्यात का प्रमुख कारण लोहा, स्टील, अयस्तक और जैविक पदार्थों की मांग रही।
दरअसल, जिन देशों में कोरोना वायरस महामारी को काबू में कर लिया गया है, वहां निर्यात बढ़ा है। सिर्फ चीन ही नहीं, भारत से अन्य एशियाई देशों में भी निर्यात में इजाफा हुआ है। भारत अपने कुल निर्यात का 16 फीसदी एशियाई अर्थव्यवस्थाओं में करता है।
इन देशों में घटा भारत का निर्यात
इससे पहले अप्रैल माह में चीन में भारतीय उत्पादों के निर्यात में 60.2 फीसदी की गिरावट आई थी। जबकि जुलाई में इसमें 10 फीसदी की बढ़त आई थी। कोरोना के कारण अमेरिका, ब्राजिल और यूके में भारत का निर्यात कम हुआ है। मलयेशिया में भारत का निर्यात 76 फीसदी रहा, वियतनाम में 43 फीसदी और सिंगापुर में 37 फीसदी।
रिपोर्ट से पता चलता है कि निर्यात उन देशों में बढ़ेगा, जहां कोरोना वायरस के मामले कम हो रहे हैं और आर्थिक गतिविधियां शुरू हो रही हैं। चीन इसका सबसे बेहतर उदाहरण है। अन्य अर्थव्यवस्थाओं के मुकाबले चीन में कोरोना का कहर सबसे पहले आया और सबसे पहले उबरने में कामयाब भी रहा। अप्रैल-जून तिमाही में चीन की आर्थिक वृद्धि दर 3.2 फीसदी रही।
तीन साल के आयात और निर्यात पर आधारित केस स्टडी पर जोर देते हुए केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा था कि चीन का 70 फीसदी निर्यात 10 क्षेत्रों से जुड़ा है, जिसमें 671 अरब डॉलर मूल्य की इलेक्ट्रिकल मशीनरी और उपकरण के निर्यात का 26.09 फीसदी और 417 अरब डॉलर मूल्य के कंप्यूटर उपकरण के निर्यात का 10.70 फीसदी भी शामिल हैं।