रिपोर्ट – देवव्रत शर्मा
कोरोनावायरस की महामारी से पूरी दुनिया में लाखों लोगों की मौत हो चुकी है।
भारत में भी इस बीमारी से बड़ी संख्या में लोगों की मौत हो गई है और प्रभावित लोगों की संख्या हर रोज बढ़ती जा रही है दुनिया के तमाम देशों में कोरोनावायरस से बचाव के उपायों पर शोध हो रहे हैं बड़े-बड़े रिसर्च हो रहे हैं।
बताया जा रहा है कि कोरोनावायरस से मानव शरीर की रक्षा के लिए वैक्सीन बनाने पर गंभीरता से काम हो रहा है भारत समेत दुनिया के अलग-अलग देशों में इसके लिए 100 से अधिक परियोजनाएं चल रही हैं जिनमें करोड़ों अरबों रुपए खर्च करके नई पुरानी दवाओं रसायनों और प्राकृतिक तत्वों के जरिए कोरोनावायरस की प्रभावी दवा और वैक्सीन बनाने का प्रयास किया जा रहा है।
लेकिन इस बीच एक कड़वी सच्चाई यह है कि किसी भी बीमारी का प्रभावी और सुरक्षित वैक्सीन बनाना बहुत ही मुश्किल काम है इसमें लंबे समय तक शोध और विभिन्न प्रयोगों के परिणामों की प्रतीक्षा करनी पड़ती है जरा सी लापरवाही होने पर वैक्सीन बेहद नुकसानदायक और जानलेवा भी हो सकती है। इसलिए वैज्ञानिक फूंक-फूंक कर कदम रखते हैं और इस प्रक्रिया में लंबा समय लगता है।
यही वजह है कि पिछले कई दशकों से दुनिया में एड्स और डेंगू जैसी बीमारियों के खिलाफ अभी तक किसी भी प्रभावी और सुरक्षित वैक्सीन का निर्माण नहीं हो सका है आज भी इन बीमारियों की वजह से लाखों लोगों की मौत होती है लेकिन दुनिया भर का मेडिकल साइंस कैंसर एड्स और डेंगू जैसी बीमारियों के खिलाफ कोई प्रभावी वैक्सीन अथवा दवा नहीं बना सका है।
इतना ही नहीं कैंसर बहुत ही साधारण बीमारी हो चुकी है और कैंसर के खिलाफ भी कोई प्रभावी दवा अभी तक दुनिया भर के चिकित्सा विज्ञानी विकसित नहीं कर पाए हैं तो आप समझ सकते हैं कि कोरोनावायरस की वैक्सीन का जल्द आना आसान बात नहीं है।
ऐसे में हमारे आपके सामने जो विकल्प उपलब्ध है वो य है कि हम सोशल डिस्टेंसिंग साफ-सफाई और सावधानी के जरिए कोरोना वायरस के संक्रमण से खुद को बचाएं और अपने परिवारों को बचाएं इसके अलावा अपनी भोजन पद्धति में सुधार करके पोषक तत्वों का इस्तेमाल करें और अपने शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाएं। नियमित योग और प्राणायाम जरूर करें इन्हीं तरीकों के जरिए आप कोरोनावायरस से सुरक्षित रह सकते हैं।
हालांकि कई वैज्ञानिक संस्थाओं ने दावा किया है कि 2020 के अंत तक अथवा एक डेढ़ साल के भीतर कोरोनावायरस की वैक्सीन उपलब्ध हो जाएगी यदि ऐसा होता है तो मानव जगत के लिए बहुत ही अच्छा होगा लेकिन तब तक सावधान रहना ही एकमात्र विकल्प है।