दिल्ली में पुलिस पर फायरिंग और किसानों की हत्या और आंदोलन को हिंसक बनाने की साजिश।

केंद्र सरकार द्वारा लाए गए तीन कृषि कानूनों के विरोध में किसानों का प्रदर्शन काफी समय से जारी है । किसानों और सरकार के बीच गतिरोध को खत्म करने के लिए अब तक की गई कई राउंड वार्ता विफल रही है। किसानों द्वारा गणतंत्र दिवस के दिन ट्रैक्टर रैली निकालने का भी ऐलान किया जा चुका है । इस बीच किसानों ने शुक्रवार को सिंघु बॉर्डर से एक संदिग्ध को पकड़ा है जिसने दावा किया है कि 26 जनवरी को ट्रैक्टर मार्च के दौरान हिंसा और चार नेताओं को गोली मारने की साजिश रची गई थी।

किसानों द्वारा पकड़े गए शख्स ने प्रेस कांफ्रेंस में बताया कि , ‘हमारा प्लान यह था कि जैसे ही किसान ट्रैक्टर मार्च को लेकर दिल्ली के अंदर घुसने की कोशिश करेंगे तो दिल्ली पुलिस इन्हें रोकगी। इसके बाद हम पीछे से फायरिंग करेंगे ताकि पुलिस को लगे की गोली किसानों की तरफ से चलाई गई है।’ शख्स ने आगे बता कि रैली के दौरान कुछ लोग पुलिस की वर्दी में भी होंगे ताकि किसानों को तितर बितर किया जा सके।

संदिग्ध ने यह भी बताया कि मार्च के दौरान स्टेज पर मौजूद चार किसान नेताओं को शूट करने का आर्डर है। इन नेताओं की फोटो भी दे दी गई है। बड़ी बात यह है कि शख्स ने प्रदीप नाम के एक एसएचओ का नाम भी लिया है, जो राई थाने का है और इनके पास अपना चेहरा कवर करके आता था। शख्स ने बताया कि हम लोगों ने उसका बैज देखा था।

कौन है यह युवक

इसके बाद किसान नेताओं ने इस युवक को हरियाणा पुलिस के हवाले कर दिया जहां पूछताछ में कई चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं। युवक का नाम योगेश है जिसकी उम्र लगभग 19 साल बताई जा रही है। योगेश हरियाणा के सोनीपत का रहने वाला है। पुलिस योगेश से लगातार पूछताछ कर रही है |

कौन चार किसान नेता निशाने पर थे ?

योगेश के मोबाइल से जिन चार किसान नेताओं के फोटो मिले हैं उनके नाम हैं- बलबीर सिंह रजेवाल, बलदेव सिंह सिरसा, कुलदीप संधू और जगजीत सिंह । योगेश का दावा है कि उसने अपने नौ सहयोगियों के साथ इन चार नेताओं की हत्या की योजना तैयार की थी। पुलिस योगेश का मोबाइल फोन और सोशल मीडिया अकाउंट भी खंगाल रही है और यह जानने की कोशिश भी कर रही है कि वह किस किस से बातचीत कर रहा था और किस-किसके संपर्क में था। हरियाणा पुलिस उसके परिवार के सदस्यों से बात कर रही है और उनके दोस्तों की गतिविधियों पर भी नज़र रख रही है।

योगेश के दावों पर लगे कई सवालिया निशान

हालांकि, पुलिस इस बात से पूरी तरह इनकार कर रही है कि पुलिस बल या स्थानीय खुफिया विभाग का योगेश की साजिश के पीछे कोई हाथ था । योगेश ने सोनीपत के राई थाने के एसएचओ का नाम प्रदीप लिया था और कहा था कि उसके कहने पर यह साजिश रची गई थी ,लेकिन योगेश के दावों के विपरीत राई थाने में पिछले सात महीने से जो एसएचओ तैनात हैं उनका नाम विवेक मलिक है । इसलिए योगेश के दावों पर सवालिया निशान लग रहे हैं।

जांच एजेंसियां अपना काम कर रही हैं और जल्द ही सच सबके सामने आएगा।

रिपोर्ट- विकास चन्द्र अग्रवाल

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *