देश के लिए मोदी लेकिन दिल्ली के लिए केजरीवाल! “राष्ट्रवाद” को 2024 तक स्थगित कर “लाभवाद” को अपनाना बेहतर समझा!

देवव्रत शर्मा-

दिल्ली के मतदाता देश के सबसे शिक्षित मतदाता माने जाते हैं। हालांकि दिल्ली में बड़ी संख्या आसपास के प्रदेश के मजदूर वर्ग के लोगों की भी है जो कम शिक्षित हैं लेकिन फिर भी दिल्ली के अधिकांश मतदाता बौद्धिक माने जाते हैं जिन्हें अरविंद केजरीवाल के रूप में वह मुख्यमंत्री बेहतर लगा जो पहले रिटायर्ड इनकम टैक्स अफसर था जिसे शासकीय प्रबंधन का व्यापक अनुभव है जो जनता के मनोभावों को समझता है जो अपना सीधा साधा व्यक्तित्व बनाने में कामयाब रहा है और जो राष्ट्रवाद और हिंदुत्व के मुद्दे पर बीजेपी के खिलाफ खड़े दूसरे दलों से बिल्कुल अलग है।

वह अरविंद केजरीवाल दिल्ली की जनता की पहली पसंद एक बार फिर साबित हो गए हैं जो न सिर्फ जनता को फ्री बिजली पानी मेट्रो और बसों की यात्राओं की सुविधा देने का आर्थिक प्रबंधन करने का कौशल रखते हैं बल्कि वह केजरीवाल जो नागरिकता कानून का विरोध करके मुसलमानों को खुश करने में कामयाब है तो मंच से भगवत गीता और हनुमान चालीसा का पाठ करके हिन्दुओं का हित चिंतक होने का भी दावा करते हैं ।

अपनी कई खूबियों के साथ पिछले कई सालों में दिल्ली में बेहतर नागरिक सुविधाएं देने वाले अरविंद केजरीवाल ने देश के सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों के लिए निसंदेह एक बेहतर उदाहरण प्रस्तुत किया है।

दिल्ली के सरकारी स्कूल और दिल्ली के सरकारी अस्पताल केजरीवाल के नेतृत्व में उच्च गुणवत्ता के साथ बेहतर सेवाएं दे रहे हैं।
राष्ट्रीय मुद्दों पर देश की जनता अभी भी प्रधानमंत्री मोदी को सर्वश्रेष्ठ नेता मानती है हालिया दिनों में हुए तमाम सर्वे यह बता रहे हैं कि आज भी प्रधानमंत्री मोदी राष्ट्रीय नेता के तौर पर देश के 70 फ़ीसदी से ज्यादा लोगों की पहली पसंद है
राष्ट्रवाद के मुद्दे पर अभी भी कोई नेता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आस पास नहीं है लेकिन विधानसभा चुनाव में स्थानीय मुद्दे और जनता की घरेलू जरूरतों के विषय हावी रहते हैं।

अरविंद केजरीवाल ने जिस तरह से लोगों के दैनिक और मासिक खर्चो मे मुफ्त की योजनाओं का सहारा दिया है उसकी वजह से लोगों को एक बड़ी राहत मिली है निम्न वर्ग और निम्न मध्यम वर्ग जो कि दिल्ली की कुल जनसंख्या का लगभग 60 फ़ीसदी है उस वर्ग ने अरविंद केजरीवाल की मुफ्त सहायता योजनाओं को आगे भी हासिल करने के लिए उन्हें दोबारा मुख्यमंत्री बनाने का फैसला किया है।

राष्ट्रवाद के मुद्दे पर दिल्ली की जनता 2024 में फैसला करेगी यह देखेगी कि राष्ट्रवाद के मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सामने उसे कौन उपयुक्त नजर आता है दिल्ली चुनाव के परिणामों को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ मानना गलती या फिर जल्दबाजी होगी क्योंकि दिल्ली के कई मतदाताओं से बातचीत में समाचार एजेंसियों ने यह पाया कि तमाम मतदाताओं ने साफ तौर पर यह कहा कि देश के लिए नरेंद्र मोदी लेकिन दिल्ली के लिए अरविंद केजरीवाल।

ऐसे में यह समझा जा सकता है कि दिल्ली का चुनाव राष्ट्रीय मुद्दों पर नहीं बल्कि स्थानीय मुद्दों पर और रोजमर्रा की जरूरतों के विषयों पर लड़ा गया और इस मुकाबले में निसंदेह अरविंद केजरीवाल सबसे आगे निकल गए।

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