नई दिल्ली में नड्डा और शाह के साथ हुई निषाद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष संजय निषाद की मुलाकात।

नई दिल्ली :उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 को अब सिर्फ 6 माह ही शेष रह गए हैं। सभी राजनीतिक दल अपनी-अपनी तैयारियों में लगे हैं। इसी कड़ी में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ गुरुवार को विधानमंडल में अनुपूरक बजट पास कराने और इकाना स्टेडियम में पदकवीरों के सम्मान के बाद सीधे दिल्ली रवाना हो गए।
गुरुवार देर शाम सीएम योगी ने दिल्ली पहुंचकर भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्‌डा और गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की। इसी दौरान निषाद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष संजय निषाद भी बैठक में मौजूद थे। शुक्रवार को संजय निषाद लखनऊ लौट आए।


निषाद ने कहा, ‘यूपी विधानसभा के चुनाव में 70 सीटों पर हमारी चर्चा भाजपा से चल रही है। इसके अलावा आरक्षण लागू करने के लिए फिर से अपनी मांग रखी है। यूपी में जब भी मंत्रिमंडल का विस्तार या कोई भी विस्तार होगा, उसमें हमारी सहभागिता जरूर रहेगी’।
गुरुवार दिल्ली में गृह मंत्री के आवास पर गृहमंत्री अमित शाह, राष्ट्रीय अध्यक्ष नड्डा, राष्ट्रीय संगठन मंत्री बीएल संतोष उप्र भाजपा संगठन मंत्री सुनील बंसल, मुख्यमंत्री योगी, प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह के साथ निषाद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. संजय निषाद मौजूद थे।
संजय ने बताया कि बैठक में आरक्षण आंदोलन के दौरान पिछली सरकारों द्वारा दर्ज राजनीतिक मुकदमों को वापस लेने से लेकर निषाद समुदाय को आरक्षण देने के मुद्दे चर्चा हुई। इस बात पर भी चर्चा हुई कि 2022 विधानसभा चुनाव से पहले इसे लागू किया जाए। उन्होंने कहा कि पिछली सरकारों के द्वारा मछुआरों के जीवकोपार्जन के संसाधन ताल, झील, जलाशय, पोखरों से संबंधित काले कानून को समाप्त कर फिर से निषादों को आवंटित करने का शासनादेश जारी किया जाए, इसकी भी मांग हुई।


संजय निषाद के मुताबिक आगामी विधानसभा चुनाव में निषाद पार्टी की हिस्सेदारी, निषाद बाहुल्य सीटों पर टिकट को लेकर सार्थक चर्चा हुई। इससे निषाद समाज का भविष्य उज्जवल होगा।
संजय निषाद ने बताया कि 10 दिन के अंदर हम फिर विधानसभा की सीटों को लेकर भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष के साथ बैठक करेंगे। यूपी में अपनी सीटों के लिए हम निषाद पार्टी की कोर कमेटी के साथ शनिवार को गोरखपुर में बैठक करेंगे, जिसमें यह तय होगा कि उत्तर प्रदेश की वे 70 विधानसभा सीटें हमें मिलें, जहां पर मछुआरा, मल्लाह, निषाद वोटों का सबसे ज्यादा प्रभाव है।

रिपोर्ट – आर डी अवस्थी

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