देवव्रत शर्मा –
पीएम मोदी पर डंडे चलवा रहे राहुल गांधी को मतदाताओं ने किया क्लीन बोल्ड, दिल्ली में कांग्रेसी जीरो पर आउट !
राहुल और प्रियंका के तीखे तेवरों के बाद भी दिल्ली की जनता ने कांग्रेस को दिया जीरो नंबर!
दिल्ली के चुनाव में सोनिया गांधी के साथ-साथ प्रियंका गांधी और राहुल गांधी भी कांग्रेस के तमाम वरिष्ठ नेताओं के संग जोर आजमाइश कर रहे थे।
बेरोजगारी और नागरिकता कानून को लेकर कांग्रेस नेता लगातार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ कठोर शब्दों का इस्तेमाल कर रहे थे राहुल गांधी ने तो यहां तक कह दिया था कि लोग प्रधानमंत्री को डंडों से मारेंगे लेकिन इसके बावजूद दिल्ली के मतदाताओं ने उल्टा कांग्रेस के खिलाफ डंडा चला दिया और कांग्रेस को दिल्ली में इतिहास की सबसे शर्मनाक हार का सामना करना पड़ा।
दिल्ली की जनता ने जहां आम आदमी पार्टी को शानदार बहुमत देते हुए 62 सीटों पर विजय दिलाई है वहीं भारतीय जनता पार्टी के प्रदर्शन में भी सुधार हुआ है और भाजपा को दिल्ली में 8 सीटों पर जीत मिली है।
लेकिन सबसे बुरा हाल कांग्रेस पार्टी का हुआ है देश की सबसे पुरानी पार्टी कांग्रेस पार्टी को दिल्ली की जनता ने 70 में से 0 अंक दिए हैं यानी दिल्ली में कांग्रेस का एक भी प्रत्याशी चुनाव नहीं जीत पाया और ज्यादातर प्रत्याशियों की जमानत जब्त हो गई।
कुल मिलाकर दिल्ली में कांग्रेस ने ऐसे दुर्दिन शायद कभी नहीं देखे थे जो उसे राहुल गांधी और प्रियंका गांधी के नेतृत्व में देखनी पड़े ।
अरविंद केजरीवाल ने तो हनुमान चालीसा पढ़ के अपना कल्याण कर लिया और मतदान के पहले बजरंगबली और भगवत गीता की शरण में जाकर अपने चुनावी समीकरणों को सुधार लिया लेकिन मतदान के पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को डंडे मारने वाले बयान देकर राहुल गांधी ने जरूर अपना चुनावी गणित बिगाड़ दिया लोगों ने एक बार फिर राहुल के इस गैर जिम्मेदाराना बयान की वजह से उन्हें गंभीर और जिम्मेदार नेता मानने से इनकार कर दिया और दिल्ली की जनता ने उनकी पुकार को अनसुना करके काग्रेस को शून्य की ओर ढकेल दिया।
नागरिकता कानून के मुद्दे पर प्रियंका गांधी बहुत मेहनत कर रही थी खुद को मुसलमानों की सबसे बड़ी हितैषी साबित करने की कोशिश में जुटी थी लेकिन मुसलमानों ने दिल्ली में साबित कर दिया कि वह कांग्रेश के नहीं आम आदमी पार्टी के हितैषी हैं केजरीवाल के हितैषी हैं दिल्ली में एकजुट होकर मुसलमानों ने केजरीवाल की आम आदमी पार्टी के पक्ष में वोट किया और भाजपा को दिल्ली की सत्ता से रोकने में सफलता हासिल की