बलरामपुर: उत्तर प्रदेश का बलरामपुर जिला सरकारी योजनाओं में फर्जीवाड़े व घोटाले का गढ़ बनता जा रहा है सीएम योगी प्रदेश के चौमुखी विकास के लिए हर संभव प्रयास कर रहे हो लेकिन जिले के अफसर हैं कि सुधरने का नाम नहीं ले रहे हैं और सीएम योगी की महत्वाकांक्षी योजनाओं पर पानी पर रहे हैं। जिले में शादी अनुदान योजना में हुए घोटाले की जांच अभी पूरी भी नही हुई थी कि अब सामूहिक विवाह योजना में भी फर्जीवाड़े का मामला सामने आ गया है यहां सामूहिक विवाह के तहत विवाहित जोड़ो को ही बिठाकर उनकी शादी कराकर अधिकारियों ने सरकारी बजट को खारिज कर लिया है।
मामला बलरामपुर जिले का है। यहां बीते 26 मार्च को समाज कल्याण विभाग द्वारा सामूहिक विवाह योजना के तहत सामूहिक विवाह का आयोजन किया गया था। यहां जिले में कुल 290 जोड़े प्रस्तवित थे जिसमें 225 जोड़ों की सामूहिक विवाह योजना के तहत शादी कराई गई। इस विवाह में लाखों का खर्चा कर सारा इंतजाम किया गया। कई दौर की जांच के बाद चयनित कुंवारे दूल्हा व दुल्हन की शादी इस योजना के तहत कराने का नियम है, बावजूद इसके अधिकारियों ने सारे नियमो को ताक पर रखकर इस सामूहिक विवाह में तमाम शादीशुदा (विवाहित) जोड़ों को बैठा दिया और उनकी शादी करा दी। जबकि उनकी शादी करीब 4 साल 10 साल और 15 साल पहले हो चुकी थी। शादी के दौरान दुल्हन बनी आरती ने बताया कि चन्वई गांव की रहने वाली है और उसकी शादी 4 साल पहले हो चुकी है जबकि दूल्हा बने राजू ने बताया कि योजना बहुत अच्छी है और उसका विवाह 15 साल पहले हो चुका है।
बलरामपुर जिले में आयोजित हुए इस सामूहिक विवाह पर लग्न मुहूर्त ना होने और खरमास आयोजन कराए जाने को लेकर स्थानीय पंडितों व पुरोहितों ने इसका विरोध भी किया था। उन्होंने बताया था कि हिन्दू रीति रिवाज में खरमास व होलिकास्टक में मांगलिक कार्यक्रम का आयोजन नही हो सकता। बावजूद इसके सरकारी बजट को 31 मार्च से पहले खारिज करने के लिए अधिकारियों ने आनन-फानन में 225 जोड़ो की शादी रचा दी। विवाहित जोड़ों को सामूहिक विवाह योजना के तहत विवाह बंधन में बांधने की खबर मीडिया में आने के बाद अब जिम्मेदार अधिकारियों ने खुद को बचाने की जुगत शुरू कर दी है। पूरे मामले पर सीडीओ रिया केजरीवाल ने प्रकरण को गंभीर बताते हुए कहा है कि यदि ऐसा हुआ है तो यह बेहद गलत है हम इसकी निष्पक्ष जांच कराएंगे और दोषियों पर कड़ी कार्यवाही की जाएगी।
रिपोर्ट योगेंद्र विश्वनाथ