बेशर्म सिस्टम: पापा की बाइक पर इतरा रही थी कृतिका, पतंग के मांझे ने मासूम का गला काट दिया!

पतंगबाजी के लिए इस्तेमाल होने वाले  तेज नुकीले धागे मांझा की वजह से पिछले कुछ वर्षों में तमाम लोगों की मौत हो चुकी है सरकार ने कई बार प्रतिबंध का आदेश भी जारी किया लेकिन लापरवाह ब्यूरोक्रेसी और बेपरवाह सत्ताधारी को दोपहिया वाहनों से चलने वाले आम लोगों की जिंदगियों की परवाह नहीं है। अक्सर पतंग काटने वाला मांझा लोगों की गर्दन काट रहा है इसका सबसे ज्यादा शिकार मासूम बच्चे हो रहे हैं फिर भी  मांझा गांव शहर की हर गली में खुलेआम बिक रहा है मासूमों को मौत के घाट उतार रहा है।
आए दिन अलग-अलग शहरों से  मांजे की चपेट में आकर मरने और घायल होने की खबरें आ रही है  लेकिन फिर भी रोक लगाने में नाकाम है प्रशासन की अफसर।

अब बनारस में मासूम का गला कटा और हो गई दर्दनाक मौत!

  उक्त मामला बनारस शहर का है जहां पर पतंग उड़ाने का खेल बच्चों से लेकर बड़ों तक बहुत ही रोचक ढंग से मनाया जाता है।
        आजकल इन पतंगों को उड़ाने के लिए इस्तेमाल होने वाला मांझा चाइनीस होता है जो कि प्रतिबंधित होता है, जिसकी वजह से अनावश्यक दुर्घटनाएं होती रहती हैं जो कि मृत्यु तक का भी रूप ले लेती हैं।आश्चर्य की बात यह है कि चाइनीस मांझा प्रतिबंधित होने के बावजूद यह आसानी से दुकानों पर कैसे उपलब्ध हो जाता है यह एक सोचनीय विषय है।

पिता की बाइक पर बैठकर दवा लेने जा रही थी मासूम बच्ची।

    उक्त मामला बनारस के एक शहर नदेसर का है जहां की निवासिनी 7 वर्ष की एक बच्ची कृतिका अपने पिता के साथ मोटरसाइकिल पर आगे बैठकर पांडेपुर गांव दवा लेने के लिए जा रही थी,तभी एक कटी हुई पतंग जिसमें चाइनीस मांझा लगा हुआ था उसके गले को रेतती हुई निकल गई।जब तक बच्ची के पिता मोटरसाइकिल को रोकते,तब तक उस बच्ची का गला काफी हद तक जख्मी हो चुका था। जख्मी हालत में उसको हॉस्पिटल ले जाते वक्त अधिक रक्तस्राव हो जाने की वजह से उस बच्ची कृतिका की मौत हो गई।बच्ची के पिता ने लालपुर पांडे थाने में अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई करने की मांग की।

मासूम की जान लेने के बाद नींद से ज्यादा बनारस का प्रशासनिक सिस्टम।

उक्त घटना की जानकारी जब एसएसपी अमित पाठक को हुई तब उन्होंने सभी थाना प्रभारियों को आदेश दिया और जिस भी थाने या चौकी में चाइनीस मांझा बेचते हुए कोई दुकानदार मिल जाए तो उसे तुरंत तत्काल गिरफ्तार करके जेल भेज दिया जाये।

यह कोई पहली वारदात नहीं है इसके पहले भी कई बार उत्तर प्रदेश के अलग-अलग जनपदों में ऐसी दर्जनों घटनाएं हुई हैं जब मांझे की वजह से मासूमों की मौत हुई हैl  यह घटना बीते 30 अगस्त वाराणसी में हुई है लेकिन यह विषय अभी भी हमारे सामने एक सवाल बनकर खड़ा है क्योंकि अभी भी पतंगबाजी में इस्तेमाल होने वाला खतरनाक धागा मांझा उत्तर प्रदेश में खुलेआम बिक रहा है।

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