मुज़फ्फरनगर की ग्राम पंचायतों के प्रशासक नियुक्त, हर विकास खंड की जिम्मेदारी एक अफसर को दी गई 

मुजफ्फरनगर :  मुज़फ्फरनगर जिलाधिकारी द्वारा  ग्राम पंचायतों के  सामान्य निर्वाचन-2०21 के पश्चात संघटित की जाने वाली नई ग्राम पंचायतों की प्रथम बैठक के लिए नियत की जाने वाली तिथि तक अथवा अधिकतम छह माह की अवधि के लिए जो भी पहले हो सहायक विकास अधिकारी से अन्य अधिकारी को उस विकास खण्ड की सीमा के अन्तर्गत आने वाली ग्राम पंचायत के लिए प्रशासक नियुक्त किया  है।जिलाधिकारी ने विकास खण्डों की समस्त ग्राम पंचायतों के लिए उस विकास खण्ड के सम्मुख अंकित सहायक विकास अधिकारी को, प्रधान और समितियों के समस्त शक्तियों, कृत्यों और कर्तव्यों के निवर्हन हेतु प्रशासक नियुक्त किये है।  

 जिलाधिकारी  सेल्वा कुमारी जे ने बताया कि अपर मुख्य सचिव पंचायती राज अनुभाग-3 उप्र शासन के कार्यालय द्वारा सूचित किया गया हैै कि सामान्य पंचायत निर्वाचन 2015 के पश्चात गठित ग्राम पंचायतों का कार्यकाल 25 दिसम्बर 2020  को समाप्त हो चुका है। उन्होंने बताया कि संयुक्त प्राप्त पंचायत राज अधिनियम-1947 की धारा 12 की उपधारा-3 में यह प्राविधान है कि कोई ग्राम पंचायत जब तक कि उसे धारा-95 की उपधारा-1 के खण्ड-च के अधीन पहले कि विघटित न कर दिया जाये। अपनी प्रथम बैठक के लिए नियत तिथि से 5 वर्ष तक की अवधि तक  बनी रहेगी। इस प्रकार इस धारा की उपधारा-4 में यह प्राविधान है कि ग्राम पंचायत के किसी सदस्य का कार्यकाल जब तक कि इस अधिनियम के उपबन्धों के अधीन अन्यथा समाप्त न कर दिया जाये, ग्राम पंचायत के कार्यकाल के साथ समाप्त हो जायेगा।  

जिलाधिकारी ने बताया कि इस अधिनियम की धारा-12 की उपधारा-3-क में यह भी प्राविधान है कि इस अधिनियम के किन्ही अन्य उपबन्धों में किसी बात के होते हुए भी जहां अपरिहार्य परिस्थितियों के कारण या लोकहित में किसी ग्राम पंचायत का संघटन करने के लिए उसके कार्यकाल के अवसान के पूर्व निर्वाचन कराना साध्य नहीं है, वहां राज्य सरकार या उसके इस निमित्त प्राधिकृत कोई अधिकारी आदेश द्वारा प्रशासनिक समिति, जिसमें ग्राम पंचायत के सदस्यों के रूप में निर्वाचित किये जाने के लिए ऐसी संख्या में जैसी वह उचित समझे अर्ह व्यक्ति होगे या प्रशासक नियुक्त कर सकता है और प्रशासनिक समिति के सदस्य या प्रशासक छह माह से अधिक  ऐसी अवधि के लिए जैसी कि इस आदेश में विर्निदिष्ट की जाये। पद धारण करेगा और ग्राम पंचायत उसके प्रधान और समितियों के समस्त शक्तियां, कृत्य और कर्तव्य, यथास्थिति, ऐसी प्रशासनिक समिति या प्रशासक में निहित होंगे और उनके द्धारा उनका प्रयोग , संपादन और निर्वहन किया जायेगा।

रिपोर्ट – संजीव कुमार, मुज़फ्फरनगर

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