सार्वजनिक भूमियों पर बढ़ रहे कब्जे के मामले, रेलवे ने मुश्किल से खाली कराई अपनी करोड़ों की भूमि!

पिछले कुछ वर्षों में दिल्ली जम्मू कश्मीर और देश के कई शहरों से विदेशी रोहिंग्या और बांग्लादेशियों के द्वारा बड़े पैमाने पर कीमती सार्वजनिक जमीनों पर अवैध कब्जे की खबरें आ रही हैं।

वही देश के सबसे बड़े सार्वजनिक उपक्रम रेलवे की जमीनों पर भी बड़े पैमाने पर अवैध कब्जे हो रहे हैं जहां रेलवे के अधिकारी होशियार हैं वह कब्जों को खाली कराया जा रहा है लेकिन बहुत से जनपदों में आज भी रेलवे की अरबों की भूमि अवैध कब्जे का शिकार हो रही है।

प्रयागराज के अघिकारियों की सतर्कता से रेलवे ने अपनी की भूमि को वापस लिया।

भारतीय रेलवे ने अपने विस्तार की परियोजनाओं पर कार्य करना शुरू कर दिया है जिसके चलते आज प्रयागराज के नैनी पुल के क्षेत्र के आसपास के अतिक्रमण कर रहने वाले लोगों के मकानों को तोड़ा गया और करोड़ों की रेलवे भूमि को मुक्त कराया गया ।

प्रयागराज के मुट्ठीगंज थाना क्षेत्र में रेलवे लाइन के किनारे बसे असंवैधानिक रूप से झुग्गी झोपड़ियों को रेलवे ने जिला प्रशासन की सहायता से तोड़ दिए, वहां पर बहुआयामी एवं आधुनिक व्यवस्थाएं सज्जित नए भवन के निर्माण की परियोजना को शुरू करने का संकल्प लिया है।

इस विषय में जानकारी देते हुए प्रयागराज मंडल के डीआरएम मोहित चंद्रा ने जानकारी दी कि इस जमीन में रेलवे के द्वारा अपना एक कंट्रोल रूम बनाया जा रहा है। जिसमें रेलवे सिगनलिंग की एडवांस टेक्नोलॉजी और उपकरण लगाए जाएंगे, जिसके चलते एक उन्नत सिग्नल व्यवस्था वाले भवन की आवश्यकता पड़ी है इस भवन का निर्माण उपरोक्त भूमि पर किया जाएगा ।

इसलिए आज रेलवे के उच्च पदाधिकारियों एवं जिला प्रशासन के अधिकारियों के संयुक्त टीम ने जमीन पर हुए अवैध कब्जे को हटाया एवं जल्द ही वहां पर एक नए भवन के निर्माण का कार्य शुरू होगा।

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