रिपोर्ट – अराधना शुक्ला
भारत की बायोटेक कंपनी सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ ऑफ इंडिया कोविड-19 की वैक्सीन बनाने की दिशा में अग्रसर है। दुनिया की सबसे ज्यादा वैक्सीन बनाने वाली कंपनी सीरम इंस्टिट्यूट इंस्टिट्यूट ऑफ इण्डिया के सीईओ के हवाले से कहा गया है, कि मई से इस वैक्सीन का ट्रायल किया जाएगा और यदि ट्रायल सफल हुआ तो सितंबर अक्टूबर तक वैक्सीन बाजार में आ जाएगी।
सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया भारत की एक बायोटेक कंपनी है, इसका मुख्यालय पुणे में है। इसके प्रोडक्शन हाउसेज कई यूरोपियन देशों में है। इस कंपनी ने पहले भी कई महत्वपूर्ण वैक्सीन बनाई हैं। जिनमें पोलियो, टिटनेस, रूबेला, हेपेटाइटिस-बी, बीसीजी आदि के टीके शामिल है।
यह कंपनी दुनिया के कई बड़े देशों की बायोटिक कंपनियोंऔर इंस्टिट्यूट के साथ मिलकर कोरोना वायरस की वैक्सीन बनाने में जुटी हुई है। अमेरिका की कोडाजेनिक्स और यूके की ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी भी सीरम इंडिया के साथ मिलकर काम कर रही हैं।
17 अप्रैल को अमेरिका के सेक्रेट्री आफ स्टेट माइक पॉम्पियो ने ट्वीट करके जानकारी दी थी कि, भारत और अमेरिका मिलकर को कोविड-19 के लिए वैक्सीन बना रहे हैं।
*क्या होगी कीमत।
सीरम इंस्टिट्यूट के सीईओ ने अपने बयान में कहा कि, भारत में इस वैक्सीन के ट्रायल मई तक शुरू किए जा सकते हैं।और यदि ट्रायल सफल रहा तो सितंबर-अक्टूबर तक यह वैक्सीन निर्यात करने के लिए तैयार हो जाएगी। भारत में इस वैक्सीन की कीमत ₹1000 रखने का फैसला किया गया है,जबकि अन्य देशों के लिए यह 10 गुना अधिक महंगी होगी।
*पूरी दुनिया को वैक्सीन बनाकर निर्यात करने की क्षमता भारत के पास ही है।
पूरी दुनिया में कोरोना वायरस का संक्रमण फैला हुआ है। ऐसे में दुनिया की इतनी बड़ी आबादी को कम समय में वैक्सीन बनाकर निर्यात करने की क्षमता सिर्फ भारत के पास ही मौजूद है। इसलिए सीरम इंडिया चाहे जिस भी देश की कंपनी के साथ मिलकर को कोविड-19 की वैक्सीन बनाएं पर वैक्सीन का निर्माण और निर्यात करने का जिम्मा सिर्फ भारत के ही हिस्से आएगा। ऐसे में भारत के पास मौका होगा अपनी सॉफ्ट पावर को दिखाने का।